राज्य में पहली बार मिसाइल टेस्ट करेगा DRDO

दीघा में बनी टेस्टिंग रेंज, बालासोर से भी लॉन्च करके रिसर्च करेगी टीम

कोलकाता, सूत्रकार : भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन पश्चिम बंगाल में दीघा के तट से मिसाइल टेस्टिंग करने वाला है। यह पहला मौका होगा, जब बंगाल के समुद्र तट से कोई मिसाइल टेस्ट होगा।

आमतौर पर डीआरडीओ मिसाइल टेस्टिंग के लिए पड़ोसी ओडिशा के व्हीलर या बालासोर टेस्टिंग रेंज को ही प्राथमिकता देता है। मिसाइल की टेस्टिंग फरवरी के आखिरी या मार्च के पहले हफ्ते में की जाएगी।

दीघा से होने वाली मिसाइल टेस्टिंग के दौरान ओडिशा के बालासोर से भी इसी समय मिसाइल लॉन्च की जाएगी। दरअसल, डीआरडीओ यह रिसर्च करना चाहता है कि दो मिसाइलें एक-दूसरे को बीच रास्ते में कैसे इंटरसेप्ट करेंगी, या अलग हो जाएंगी। इससे यह पता चल सकता है कि भारत के मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम में कितना डेवलपमेंट हो सकता है।

ममता सरकार ने टेस्टिंग रेंज बनाने को जमीन दी

हल्दिया कलेक्टर तनबीर अफजल के मुताबिक डीआरडीओ की तरफ से हो रही मिसाइल टेस्टिंग के लिए राज्य सरकार पहले ही जमीन दे चुकी है। वहां मिसाइल लॉन्चिंग पैड बनाए जा रहे हैं। पिछले दिनों केंद्रीय रक्षा एजेंसियों में से एक इंडियन कोस्ट गार्ड के आईजी इकबाल सिंह चौहान हल्दिया गए थे। उन्होंने बताया था कि तटरक्षक बल ओडिशा-बंगाल में दो-दो रडार स्टेशन बना रहा है। बंगाल में फ्रेजरगंज और जुनपुट में राडार स्टेशन होगा। ये अगस्त तक बनकर तैयार हो जाएंगे।

डॉ. अब्दुल कलाम आजाद आइलैंड (पहले व्हीलर द्वीप) पर होने वाली मिसाइल टेस्टिंग को दिसंबर 2023 से लेकर मार्च 2024 तक 3 महीने के लिए रोका गया है। इसके पीछे वजह हैं ओलिव रिडले कछुए। नवंबर से मई तक इन कछुओं का नेस्टिंग टाइम होता है। मिसाइल टेस्टिंग के दौरान तेज चमक और आवाज होने से कछुओं का ध्यान भटक सकता है। इन्हें परेशानी न हो, इसलिए यह फैसला लिया गया।

DRDO missile testingDRDO will test missile for the first time in the stateIndian Defense Research and Development OrganizationMissile test for the first time in the stateडीआरडीओ मिसाइल टेस्टिंगभारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठनराज्य में पहली बार मिसाइल टेस्ट