एक छत मयस्सर नहीं खाना बनाने के लिए…

निरसा :  सरकार लाख दावा करती है कि शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बेहतर करने का वह प्रयास कर रहे है। परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। एक ऐसा ही मामला निरसा प्रखंड के मदनपुर पंचायत अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय तिलतोड़िया में देखने को मिला। जहां जमीन की कमी के कारण आज तक रसोईघर नहीं बन पाया। जिसके कारण आज भी बच्चों का मिड डे मील खुली छत के नीचे बनाना पड़ता है। वहीँ चापाकल खराब होने के कारण पिछले 4 महीने से रसोईया को बाहर से पानी लाकर मिड-डे-मील बनाना पड़ रहा है और तो और पानी की कमी के कारण शौचालय भी बंद रखी जाती है! जहाँ इस संबंध में जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य शिव प्रसाद स्वर्णकार ने बताया की चापानल अप्रैल माह से खराब है इसकी सूचना जिप सदस्य संजय सिंह को दी गई थी जिसके बाद उन्होंने मिस्त्री भेजी थी। चापानल बनाने के क्रम में उसका एक पाइप टूट कर अंदर गिर गया जिसके बाद से आज तक यह चांपा नल नहीं बन पाया। मिस्त्री का कहना था कि अब यह नहीं बनेगा इसके बदले में नया चापाकल बनाना पड़ेगा। जिप सदस्य द्वारा आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही एक नया चापानल बनवा दिया जाएगा। परंतु शायद जिला परिषद की बैठक अभी तक नहीं हुई होगी जिसके कारण यह कार्य संपन्न नहीं हो पाया तथा रसोईया को पास के कुए और दूसरों के घर पर निर्भर रहना पड़ रहा है। अब सवाल उठता है कि सरकार द्वारा इतने दावे किये जाने के बाद भी बच्चों को पीने का पानी तक स्कूलों में सरकार उपलब्ध नहीं कर पा रही है। सवाल यह है कि आखिर कहां कमी रह जाती है जिसका खामियाजा बच्चे एवं कर्मी को भुगतना पड़ता है।

 

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