जंगल को बचाने में अहम भूमिका निभा रहे है एडीशनल PCCF संजीव कुमार

"पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमेशा तत्पर रहते हैं संजीव कुमार" 

घाटशिला : जल जंगल और जमीन को लेकर हमेशा हमेशा जद्यो जहद होती रही है। लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल ही उल्टा नजर आती है। जंगलों को बचाने और पौधारोपण के लिए ग्रामीण हमेशा प्रयासरत रहते है।लेकिन वनों की अवैध कटाई के लिए जंगल माफिया उनके मंसूबे पर पानी फेरने लगते है। ग्रामसभा आखिरकार उजड़ते जंगलों को देख ग्रामीणों में मायूसी हुई। ग्रामसभा के माध्यम से ग्रामीणों को एकजुट करने की कोशिश की गई। जंगलों को बचाने के लिए आंदोलन छेड़ गया। इसका असर भी देखा गया। इसके लिए कुछ समाजसेवी, पदाधिकारी या जन प्रतिनिधि अपने अपने स्तर पर जंगल को बचाने के लिए विभिन्न तरह के कार्य करते नजर आते है। ऐसे ही लोगो में एक है संजीव कुमार। वर्तमान में संजीव कुमार अतिरिक्त प्रधान मुख्य संरक्षक वन रांची में पदस्थापित है। पूर्व में वे धालभूम वन प्रमंडल पदाधिकारी के रूप में जमशेदपुर में भी रह चुके है। वे चाईबासा, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग में भी पदस्थापित थे। श्री कुमार जहां भी पदस्थापित रहे वन रक्षा समिति के सदस्यों में वनों के प्रति अपने बच्चों से बढ़कर अपनत्व की भावना जगाने में अहम भूमिका निभाते रहे।

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“ग्रामीणों को भी जागरूक करने में संजीव कुमार ने अहम भूमिका निभाई”

संजीव कुमार पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमेशा तत्पर रहते है। इसके लिए वे हमेशा नई तरकीब अपनाते रहते है। इनकी पहल का खास असर भी देखने को मिलता है। जंगलों में ग्रामीणों के साथ वृक्षों को राखी बांधकर उनके संरक्षण का संकल्प लेना, चित्रकारी और नुक्कड़ नाटक के जरिए वन संरक्षक का संदेश इलाके में काफी कारगर साबित हुआ। इसके लिए कुमार को कई बार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके है। कुमार 2004 से ही वृक्षों में रक्षासूत्र बांधने का कार्यक्रम करते आ रहे है। अब तक 1000 से अधिक गावों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जा चुका है। संजीव कुमार ने वन उत्पादित वस्तुओ से रोजगार के अवसर पैदाकर ग्रामीणों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है की उद्योग विभाग झारखंड सरकार द्वारा 2008 तथा 2009 में धनबाद के टुंडी में ग्रामीणों को तसर के रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया है। इलाहाबाद में आयोजित छठे इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन इन्वायरमेंटल एंड आईको लॉजिस्ट में उन्हे 2019 का पर्यावरणविद पुरस्कार से नवाजा गया।

 

पर्यावरण बचेगा तभी हम बचेंगे : संजीव कुमार

जिस पर्यावरण के बल पर हमारा जीवन निर्भर है उसका भी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। भारत कृषि प्रधान देश है। जंगल बचेगा तो अच्छी बारिश होगी। अच्छी बारिश होगी तो खेती होगा। वन संरक्षण को लेकर हर नागरिक को संवेदनशील होना चाहिए। तभी पर्यावरण पर हम जीत हासिल कर सकते है।