शराब के बाद अब दिल्ली में दवाई घोटाला

जांच के दिए गए आदेश

नई दिल्लीः शराब घोटाले के मामले में दिल्ली की आप सरकार ऐसी ही फंसी हुई है। अब एक और मामले में राज्य सरकार फंसती हुई दिख रही है। दरअसल, केजरीवाल सरकार की ओर से चलाए जा रहे मोहल्ला क्लिनिक में फर्जीवाड़े के आरोपों की CBI जांच का उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश दे दिया है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि यहां ऐसे मरीजों को लैब टेस्ट कराए जा रहे थे जो वास्तव में थे ही नहीं। इन्हें ‘घोस्ट पेशेंट’ कहा जाता है। ऐसा प्राइवेट लैब को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा था।
इसको लेकर बीजेपी ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इसमें कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने दारू के बाद दवा घोटाला किया है। क्या इन मोहल्ला क्लिनिक में CCTV कैमरा थे? अगर थे, तो एक दिन में यहां 500 पेशेंट के आने का फुटेज भी होगा।

पिछले महीने ही राज्यपाल ने दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नकली दवाएं होने के आरोप पर चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को जांच का निर्देश दिया था।

वहीं इस पूरे मामले पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में खराब गुणवत्ता की दवाइयों की आपूर्ति के मामले में सीबीआई जांच का स्वागत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दवाइयों के ऑडिट का निर्देश दिया, स्वास्थ्य सचिव ने निर्देशों का पालन नहीं किया और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए।

सौरभ भारद्वाज ने कुछ दिनों पहले मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली कि दिल्ली सरकार के अस्पताल में कुछ दवाई नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी की पाई गई है। रिपोर्ट में कहीं नहीं लिखा है कि ये नकली है, लेकिन बीजेपी वाले कहने लगे कि ये नकली है। पैंटोप्राजोल की रिपोर्ट बताती है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसकी रिपोर्ट में सारे स्टैंडर्ड ठीक पाए गए।

भारद्वाज ने कहा कि ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे 2019 में दिल्ली का पानी जहरीला था, लेकिन उसके बाद भी वो नेता आज भी दिल्ली में रह रहे हैं. अब वो दवाई के लिए कह रहे हैं कि नकली है। वहीं फरिश्ते योजना पर कोर्ट की ओर से उठाए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर हम सुप्रीम कोर्ट गए, कोर्ट को किसी को भी गुमराह नही करना चाहिए। वित्त विभाग तब से कह रहा है कि हम पेमेंट कर देगे। लेकिन, कुछ फाइल को ही प्रोसेस किया गया है। अगली सुनवाई पर हम इसकी जानकारी कोर्ट को देंगे।

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