नई दिल्लीः केंद्र सरकार को उत्तर-पूर्व के राज्य में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। शुक्रवार को सरकार और उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के बीच एक शांति समझौते हो गया है। आज इसपर गृहमंत्री अमित शाह की मौजुदगी में हस्ताक्षर हुआ। उल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केंद्र और असम सरकार के साथ शांति के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने बयान देते ‘मेरे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि आज असम के भविष्य के लिए एक सुनहरा दिन है। लंबे समय से असम ने हिंसा को झेला है, पूरे नॉर्थ-ईस्ट ने हिंसा को झेला है, जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब से दिल्ली और नॉर्थ-ईस्ट की दूरी कम करने के प्रयास हुए। मन खोलकर, खुले हृदय से सभी के साथ बातचीत की शुरुआत हुई और उनके (पीएम मोदी) मार्गदर्शन में ही उग्रवाद मुक्त, हिंसा मुक्त और विवाद मुक्त नॉर्थ-ईस्ट की परिकल्पना लेकर गृह मंत्रालय चलता रहा।”
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा ‘आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति प्रक्रिया निरंतर जारी है।