नियुक्ति भ्रष्टाचार : जीरो नंबर वालों को बढ़ाकर दिए गए 54 नंबर

ओएमआर शीट से बनते थे केक के पैकेट

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में नित्य नये खुलासे हो रहे हैं। भ्रष्टाचार किस कदर सुगम बना दिया गया था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीरभूम जिले के शांतिनिकेतन इलाके में एक बेकरी से केक खरीदने पर उसका पैकेट ओएमआर शीट से बना हुआ मिला है। इसकी जानकारी मिलते ही केंद्रीय एजेंसियों ने पड़ताल शुरू कर दी है।

इधर सीबीआई के एक सूत्र ने बताया है कि पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने 2016 की परीक्षा में ग्रुप सी पदों के लिए हुई परीक्षा में शामिल हुए 3,000 से अधिक उम्मीदवारों के बेमेल अंक का ब्योरा पेश किया है।

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसएससी ने 3478 ऐसे परीक्षार्थियों का ओएमआर शीट वेबसाइट पर डाला है। इसमें यह देखा जा रहा है कि लिखित परीक्षा में जीरो अंक हासिल किए थे, लेकिन उन्हें गैरकानूनी तरीके से नियुक्त करने के लिए सर्वर पर नंबर बढ़ाकर 54 कर दिया गया। किसी को अगर एक नंबर मिला था तो उसे 56 नंबर दिए गए।

इसे भी पढ़ेंः कोयला तस्करी के सरगना से प्रोटेक्शन मनी लेता था पुलिस अधिकारी

एसएससी की वेबसाइट पर प्रकाशित सूची पर जिनका सीरियल नंबर 3031 से 3392 है उनकी लिखित परीक्षा में प्राप्तांक और एसएससी के सर्वर पर ओएमआर का प्राप्तांक एक ही है।

हालांकि उसके बाद 3392 से अंतिम तक जो सूची है उसमें प्राप्तांक और ओएमआर नंबर में बड़ा अंतर है। सीबीआई के एक सूत्र ने बताया है कि रुपये के एवज में उन लोगों के नंबर बढ़ाए गए जिन्हें गैरकानूनी तरीके से नियुक्त किया जाना था।

इनमें पूर्व शिक्षामंत्री पार्थ चटर्जी की सहमति से एसएससी के पूर्व सलाहकार और सभी संबंधित अधिकारी शामिल रहे हैं। राज्य भर में फैले भ्रष्टाचार के एजेंट ऐसे उम्मीदवारों की सूची भेजते थे जिनसे रुपयों की वसूली की जाती थी और उसी के मुताबिक नंबर बढ़ा कर नौकरी दी जाती थी। उल्लेखनीय है कि ईडी ने दो दिन पहले ही कोर्ट में हलफनाना के जरिए दावा किया है कि नियुक्ति भ्रष्टाचार 350 करोड़ से अधिक का है।

एसएससी की यह कार्रवाई कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को 1,911 ग्रुप डी कर्मचारियों की नौकरियों को रद्द करने का निर्देश देने के बाद आई है, जिन्हें अवैध रूप से भर्ती परीक्षा में हेर-फेर के बाद राज्य-सहायता प्राप्त, राज्य-प्रायोजित माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त किया गया था।

bengal teacher recruitment corruptionprimary teacher recruitment corruptionteacher recruitment corruptionteacher recruitment corruption in the statewest bengal Teacher recruitment corruption case:बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचारराज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामलेशिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार