शिक्षा सचिव की कोर्ट में हाजिरी संबंधी निर्देश के खिलाफ खंडपीठ पहुंची बंगाल सरकार

राज्य सरकार ने ईमेल कर खंडपीठ में याचिका लगाई

कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट में न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के एकल पीठ ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में शिक्षा सचिव मनिष जैन को हाई कोर्ट में हाजिर होने का आदेश बुधवार को दिया था।

इस फैसले के खिलाफ रात को ही राज्य सरकार ने खंडपीठ में याचिका लगाई है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव को राज्य सरकार की ओर से ईमेल भेजकर सुबह 10:30 बजे से पहले सुनवाई की अर्जी लगाई गई थी लेकिन फिलहाल यह स्वीकार नहीं हुई है।हालांकि याचिका स्वीकार कर ली गई है।

दरअसल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए नियुक्त हुए एक हजार से अधिक अवैध शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था।

इसके खिलाफ एसएससी की ओर से एक आवेदन लगाया गया था जिसमें अतिरिक्त पद सृजित कर नौकरी से बर्खास्त किए गए इन लोगों को शिक्षक के तौर पर नियुक्त करने की गुजारिश की गई थी।

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इसी को लेकर न्यायमूर्ति गांगुली ने एसएससी से हलफनामा तलब किया था। तब आयोग की ओर से बताया गया कि इस आवेदन को वापस लिया जाएगा।

इसी पर न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा कि इसका मतलब है कि आयोग ऐसा चाहता नहीं था और किसी और ने आयोग से आवेदन करवाया है इसलिए इस घटना की सीबीआई जांच होगी कि इसके पीछे कौन है।

इसमें कैफियत तलब करने के लिए उन्होंने शिक्षा सचिव मनीष जैन को सुबह 10:30 बजे कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। उन्होंने शिक्षा मंत्री को भी आने की छूट दी थी लेकिन राज्य सरकार ने इन दोनों फैसलों के खिलाफ ईमेल कर खंडपीठ में याचिका लगाई है।

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