भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी पीएम आवास योजना में बड़ा बदलाव

सूची में नदिया के तृणमूल नेता की पत्नी का नाम दो बार शामिल

कोलकाताः  राज्य में पीएम आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में गड़बड़ी के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। सूची में अब पंचायतें किसी का भी नाम शामिल नहीं कर पाएंगी।

राज्य में आवास योजना में भ्रष्टाचार के ढेर सारे मामले सामने आने के बाद पंचायतों से यह अधिकार छीन लिया गया है। यह जिम्मेदारी अब राज्य प्रशासन के अधिकारी संभालेंगे। हालांकि, पंचायतों से उनके सारे अधिकार नहीं लिए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक, राज्य प्रशासन की तरफ से नए सिरे से तैयार की जाने वाली लाभार्थियों की सूची को अनुमोदित करने का अधिकार पंचायतों के ही हाथों में होगा।

सूची से अयोग्य लोगों का नाम हटाने का भी उन्हें अधिकार होगा लेकिन उनकी जगह दूसरों का नाम वे शामिल नहीं कर पाएंगी। गौरतलब है कि बंगाल के विभिन्न जिलों में आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में ऐसे बहुत से लोगों के नाम मिले हैं, जो इसके मानदंडों को पूरा नहीं करते।

केंद्र ने कड़ी शर्तों का दिया था फंड

केंद्र की ओर से राज्य सरकार को साफ शब्दों में कहा गया है कि इस योजना में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अनियमितता की स्थिति यह है कि अकेले पश्चिम मेदिनीपुर जिले में लाभार्थियों की सूची से करीब ढाई लाख नामों को हटाया जा रहा है।

सूची में पहले 5,90,000 लाभार्थियों के नाम थे। समीक्षा के बाद अब जो अंतिम सूची तैयार होगी, उसमें 3,50,000 लाभार्थियों के नाम होंगे।

बता दें कि, बंगाल में पीएम आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में बहुत से राजनेताओं और उनके परिवार के सदस्यों के नाम भी शामिल हैं, जिनका पहले से अपना मकान है।

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आवास योजना में भ्रष्टाचार के ढेर सारे मामले सामने आए हैं। इसके अलावा आवास सूची में नदिया के एक तृणमूल नेता की पत्नी का दो बार नाम शामिल है। नदिया में कृष्णानगर-2 पंचायत समिति के कार्यकारी निदेशक सिद्धार्थ घोष के खिलाफ भाजपा ने यह आरोप लगाया है।

केंद्र सरकार की ओर से बंगाल को पीएम आवास योजना के लिए 832 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनसे 11 लाख आवासों का निर्माण किया जाएगा। केंद्र ने कड़ी शर्तों के साथ आवास निर्माण के लिए फंड दिया है।

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