बीजेपी को वो उम्मीदवार जिसने सीएम और होने वाले सीएम दोनों को हरा दिया

हैदराबादः तेलंगाना में केसीआर के दस साल का राज समाप्त हो गया है। उनको करारी हार का सामना करना पड़ी है। कांग्रेस ने केसीआर के 10 साल के शासन का अंत किया है। अब तक रूझानों में कांग्रेस ने तेलंगाना में 63 सीटों पर आगे चल रही है जो कि बहुमत से 3 सीट ज्यादा है वहीं बीआरएस 40 सीटों पर आगे चल रही है भाजपा 8 सीटों पर आगे चल रही है। लेकिन इस चुनाव में एक सीट काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। वो सीट कामारेड्डी विधानसभा सीट । ये सीट हैविवेट सीट मानी जा रही थी। दरअसल, इस बार केसीआर दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे थे उनमें से एक ये सीट थी। यहां पर केसीआर को तेलंगाना कांग्रेस के प्रमुख रेवंत रेड्डी चुनौती दे रहे थे वहीं बीजेपी ने केवी रमण रेड्डी को उठाया था। यहां पर मुख्य मुकाबला सब लोग ऐसा मान के चल रहे थे कि केसीआर और रेवंत रेड्डी के बीच है लेकिन यहां पर भारी उलटफेर हुआ है। यहां पर यहां से बीजेपी उम्मीदवार केवी रमण रेड्डी ने जीत दर्ज की है।

तेलंगाना की कामारेड्डी विधानसभा सीट की अगर बात करें तो ये वीआईपी सीट है। इस सीट से केसीआर और तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने चुनाव लड़ा था। वहीं बीजेपी ने कटिपल्ली वेंकट रमण रेड्डी को चुनाव मैदान में उतारा। इस सीट पर दो बड़े चेहरे केसीआर और रेवंत रेड्डी को हार का सामना करना पड़ा। एक तरफ राज्य में कांग्रेस की लहर ने बीआरएस का सूपड़ा साफ कर लिया तो वहीं इस सीट पर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया।

कांग्रेस की जीत का सेहरा रेवंत रेड्डी के सिर सजाया जा सकता है। कामारेड्डी सीट से वो चुनाव हार गए हैं लेकिन कोडंगल विधानसभा सीट से उन्होंने जीत हासिल की है। उन्हें कुल एक लाख सात हजार चार सौ उन्तीस वोट मिले। रेवंत रेड्डी ने बीआरएस के पट्टनम नरेंद्र रेड्डी को हराया जिन्हें 74 हजार 897 वोट मिले।

अब बीजेपी की इस जीत ने सबको चौंका दिया है। क्योंकि एक मुख्यमंत्री है और कांग्रेस उम्मीदवार हो सकता है कि मुख्यमंत्री बनेगा तेलंगाना के अगले। इन दोनों के बीच बीजेपी कैंडिडेट की जीत बहुत कुछ बयां कर रही है।

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