तब  64 हजार नौकरियों में हुए घपले: ब्रात्य

वाममोर्चा के शासनकाल पर तृकां का सीधा हमला, सारे नियमों की हुई थी अनदेखी

कोलकाताः शिक्षक भर्ती घोटाला सहित भ्रष्टाचार के कई आरोपों से घिरी तृणमूल कांग्रेस ने अब माकपा और भाजपा नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोपों में घेरना शुरू कर दिया है।

टीएमसी के गिरफ्तार नेता और शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष और अब राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने वाममोर्चा के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार पर निशाना साधा है।

शुक्रवार को शिक्षा मंत्री ने कहा कि कैग की 2017 की रिपोर्ट को देखा जाए तो इससे साफ जाहिर हो रहा है कि तत्कालीन वाममोर्चा के शासनकाल में 64 हजार नौकरियां हुई थीं, जिनमें नियमों को ताक पर रखा गया। इस आंकड़े को देखने के बाद यह साबित हो गया कि शिक्षा में भ्रष्टाचार्य की नींव वाममोर्चा के जमाने में ही पड़ गयी थी। वाममोर्चा ने अपने फायदे के लिए स्कूल सर्विस कमीशन में ग्रुप सी और डी को नहीं रखा था।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वाममोर्चा के जमाने में हुए भ्रष्टाचार्य के लिए हमलोगों ने कहा था कि श्वेत पत्र जारी करेंगे। अगर आवश्यकता होगी तो उसकी जांच भी की जाएगी।

उन्होंने भर्ती भ्रष्टाचार के लिए माकपा के माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती पर उंगली उठाई। उन्होंने कहा कि कल तक किसी को नहीं पता था कि सुजन की पत्नी किस कॉलेज में काम करती हैं। साल  1987 में जब सुजन चक्रवर्ती की पत्नी को नौकरी मिली तो मैंने सुना कि सीपीएम के भीतर बहस हुई थी।

हम उन अखबारों की कतरनों को भी इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनमें नौकरी मिलने पर सवाल उठाये गये थे। हम उनके लिए कोई व्यक्तिगत शर्मिंदगी नहीं चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी को 1987 में नौकरी हूई थी और वे 2011 से राज्य सरकार की कर्मचारी हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन सारी बातों से सीएम ममता बनर्जी को अवगत कराया जाएगा। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही इस मामले की जांच की जाएगी।

एक सवाल के जवाब में ब्रात्य ने कहा कि राज्य के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य की पत्नी मीरा भट्टाचार्य की तुलना सुजन की तुलना करना ठीक नहीं है।  हम सीपीएम नेताओं की पत्नियों से कह रहे हैं कि शीशे के घर में बैठकर पतियों को मनाएं कि पत्थर मत फेंको। कौन हैं सुजन चक्रवर्ती? माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं। वह दिन भर बैठकर बाइट देते हैं।

उन्होंने कहा कि वे ऐसे कई माकपा समर्थकों को जानते हैं, जिनके एक परिवार के 4-4 सदस्य शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं।  अंत में उन्होंने कहा कि इस खुलासे से अगर सुजन को तकलीफ हुई हो तो उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं।

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