डीप फेक वीडियो पर सख्त हुई केंद्र सरकार

समस्या से निजात पाने के लिए सरकार लाएगी नया कानून

नई दिल्ली : सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। आज सोशल मीडिया के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। वर्तमान पीढ़ी भाग्यशाली है कि इतिहास में अब तक के सबसे आश्चर्यजनक तकनीकी विकासों में से कुछ को देखा गया है। यह इस युग का राग बन गया है। सोशल मीडिया ने हमारा जीवन बहुत आसान बना दिया है। लेकिन इसके बहुत दुष्प्रभाव भी हैं। और इसी में से एक है एआई जिसका चलन लगातार बढ़ रहा है और इसके बहुत से दुष्प्रभाव भी बढ़ रहे हैं, और डीप फेक वीडियो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कई लोगों के तस्वीरे और वीडियो इस डीप फेक वीडियो से वायरल हो रहा है और ये दिन प्रतिदिन चिंता का विषय बनता जा रहा है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो घूम रहे हैं जिनका ये वीडियो है नहीं लेकिन उस आदमी का बोल कर चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इस बारे में चेतावनी भी दी थी। ये ऐसा खतरा बनता जा रहा है जो किसी की जिंदगी बर्बाद कर सकते हैं, सामाजिक ताने-बाने को खराब कर सकते हैं, समाज में तनाव पैदा कर सकते हैं, इसलिए इससे सावधान रहने की ज़रूरत है। मोदी ने कहा था कि आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस के आने के बाद अब जागरूकता जरूरी है क्योंकि आर्टिफीशियल इंटैलीजेंस असली-नकली का फर्क खत्म कर देती है, पता ही नहीं चलता कि क्या सच्चा है और क्या नकली।


इसके बाद से ही केंद्र सरकार हरकत में आ गई थी लगातार बैठकों के बाद आज केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने आज एक बैठक की। बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन करते हुए उन्होंने कहा कि आज सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बैठक के लिए बुलाया गया था। सभी के साथ चर्चा हुई और सभी ने डीपफेक के खतरे और इसकी गंभीरता को स्वीकार किया कि ये एक बहुत बड़ा सामाजिक खतरा उभर कर आया है। हमें 4 चीजों पर मिलकर काम करना पड़ेगा।
1- इसकी जांच कैसे हो?
2- इसे वायरल होने से कैसे बचाएं?
3- कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करे और इस पर तुरंत कार्रवाई हो सके?
4- इस पर जागरूकता बढ़ाने के लिए सब मिलकर कैसे काम करें?”

ये बात तो सच है कि ये देश और पुरी दुनिया में सबसे बढ़े खतरे के रूप में आ चुका है। इसको लेकर कई संस्थाएं भी काम कर रही है और जो इस प्रकार के वीडियो फैला रहा है उनपर एक्शन भी लिया जा रहा है।

aideepfakepm modi