27 को झरिया एक्शन प्लान पर केंद्र सरकार करेगी मंथन 

पुर्नवास के लिए 70 फीसदी मकान बन कर तैयार

रांची : झरिया एक्शन प्लान को लेकर केंद्र गंभीर है। इसकी मॉनिटरिंग पीएमओ स्तर पर हो रही है। सरकार इस बात को लेकर गंभीर है कि आग से प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को जल्द से जल्द शिफ्ट किया जाए। इसके लिए 24 हजार के करीब आवास बनने हैं। इनमें से 70 फीसदी के करीब आवास बन चुके हैं।

इन आवासों में पांच हजार से अधिक लोगों को शिफ्ट भी किया गया है। इस प्रक्रिया के बाद भी बीसीसीएल की ओर से इस क्षेत्र में सर्वे किया गया है। इस सर्वे की रिपोर्ट को आगामी 27 जनवरी को होने वाले केंद्रीय केबिनेट में रखा जा सकता है। उसी दिन झरिया एक्शन प्लान पर केंद्र सरकार विचार करेगी। इसके लिए केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने निर्देशित किया है।

दरअसल कोयला मंत्रालय की ओर से झरिया एक्शन प्लान की समीक्षा हुई थी। इस प्लान के तहत हो रहे कार्य की प्रगति पर विभाग ने नाराजगी जाहिर करते हुए सर्वे करने को कहा था। इसके बाद बीसीसीएल ने झरिया कोल एरिया के लगभग 200 इलाकों में सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है। यह सर्वेक्षण राजपूत बस्ती, कतरास, झरिया बाजार, केंदुआडीह समेत अन्य इलाकों में किया गया। जहां मुख्य रूप से लाइंस, आग की स्थिति, विस्थापित परिवार, क्षेत्र आदि का आकलन किया गया है. इसी तैयार रिपोर्ट को केंद्रीय कैबिनेट में रखा जाएगा। सूत्रों की माने तो बीसीसीएल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ओर से इस रिपोर्ट को फाइनलाइज कर दिया गया है।

आग क्षेत्र की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए यह विशेष सर्वे कराया गया है। बताया गया है कि भविष्य में आग की स्थिति और आग से स्थानीय निवासियों पर क्या असर होगा, इस पर ध्यान दिया गया है। इस रिपोर्ट पर बीसीसीएल के साथ कोल इंडिया, कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने विचार विमर्श कर लिया है। झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र में रह रहे लोगों को कैसे सुरक्षित स्थानों पर बसाया जाये, एक्शन प्लान इस पर कार्य कर रहा है।

लगभग 60 हजार लोगों को हटाकर आगामी तीन महीनों के भीतर सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा। केंद्रीय कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने इस इलाके में कोयले का खनन करने वाली कंपनी को निर्देश दिया है। झरिया में अग्नि प्रभावित कुल 595 साइट है, लेकिन इनमें से 70 ऐसी है, जहां आबादी का एक पल भी रहना बेहद जोखिम भरा माना जा रहा है।

पिछले कुछ सालों में इन इलाकों में अचानक जमीन फटने से मकान, मंदिर, मस्जिद, दुकान आदि के जमींदोज होने की दो दर्जन से भी ज्यादा घटनाएं हुई। ऐसे इलाकों में बरोरा, कतरास, लोदना, पुटकी बलिहारी, कुसुंडा, सिजुआ और बस्ताकोला के क्षेत्र हैं।

 

27 को झरिया एक्शन प्लान पर केंद्र सरकार करेगी मंथन