शिलांग में CM ममता ने बजाया ढोल

सीमा संघर्ष के पीड़ितों को दी मदद, कहा-NRC स्वीकार नहीं

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने मुखरोई में वन रक्षकों द्वारा मारे गए लोगों के परिवारों को पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता सौंपी।

मंगलवार की सुबह उन्होंने उन पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की, जिन्हें 22 नवंबर को शिलांग में वन रक्षकों द्वारा गोली मार दी गई थी। मेघालय के दौरे पर पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा सरकार पर पूर्वोत्तर राज्यों की अवेहलना करने का आरोप लगाया।

तृणमूल कांग्रेस ने महिला सशक्तीकरण की बात करते हुए महिलाओं को प्रत्येक माह 1000 रुपये देने और 33 फीसदी महिला आरक्षण का वादा किया। उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू नहीं होने देंगे।

इस अवसर पर तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, मेघालय तृणमूल पर्यवेक्षक मानस भुइयां, मेघालय विधानसभा विपक्ष के नेता मुकुल संगमा और तृणमूल प्रदेश अध्यक्ष चार्ल्स पाइनग्रोप थे।

ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवारों को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा।
सनद रहे कि बंगाल में सत्ता में आने से पहले, पुलिस द्वारा या वाम मोर्चा सरकार के राजनीतिक संघर्ष में मारे जाने पर तृणमूल उनकी आर्थिक मदद करती थी।

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उस प्रवृत्ति को जारी रखते हुए तृणमूल नेता ने मेघालय में भी वन रक्षकों द्वारा मारे गए लोगों के परिवारों को आर्थिक मदद दी। उनसे मिलने के बाद ममता शिलॉन्ग में सेंट्रल लाइब्रेरी गईं।

रास्ते में ममता ने मेघालय की संस्कृति का चिर-परिचित ढोल बजाया। उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों से भी बात की।

सीएम ने स्थानीय लोगों की वर्तमान पारिवारिक स्थिति जाननी चाही। मुख्यमंत्री ने परिवार से यह भी सुना कि उस दिन घटना कैसे हुई। अगर मेघालय में तृणमूल सरकार बनती है तो पीड़ितों को आश्वासन दिया गया है कि तृणमूल नेतृत्व उनके परिवारों के लिए जरूर कुछ सोचेगा।

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