जोशीमठ को बचाने का कोलकाता में शंखनाद

कोलकाता : जोशीमठ में हो रही बर्बादी तथा उत्तराखंड व केंद्र की सरकार द्वारा घटना पर की जा रही लीपापोती के खिलाफ कोलकाता में ‘सेव जोशीमठ’ के बैनर बड़े आंदोलन का शंखनाद किया गया।

कोलकाता के प्रेस क्लब में गंगा मिशन, नदी बचाओ जीवन बचाओ आंदोलन और गन उद्योग समिति ने एक साझे संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जोशीमठ में हुई बदइंतजामी और लापरवाही के लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है। इस दौरान आरोप लगाया गया कि जोशीमठ प्राकृतिक नहीं, बल्कि इंसानी आपदा है।

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मोहम्मद सलीम का तर्क

मुख्य वक्ता मोहम्मद सलीम ने जोशीमठ पर बोलते हुए कहा कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति को बचाने के लिए ‘सेव जोशीमठ’ एक सराहनीय कदम है । इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ‘अगर हिमालय नहीं रहेगा, गंगा नहीं रहेगी तो फिर किस चीज का डंका आप(केंद्र) बजायेंगे।

ये सरकार की तरफ से पूरा पाखंड किया गया है। हमारी सभ्यताएं, हमारी माताएं, हमारी जीविका- ये सभी नदी के ऊपर निर्भर हैं। जोशीमठ को लेकर पिछले कई वर्षों से पर्यावरणविदों व वैज्ञानिकों ने चेताया था, लेकिन सरकार सुनने को तैयार नजर नहीं आ रही थी। दिसम्बर के अंत से लेकर जनवरी की शुरुआत तक जोशीमठ पांच से 9 सेंटीमीटर तक धंसा है। आज जोशीमठ है,  कल यह कोलकाता भी हो सकता है। देश के किसी भी गांव शहर और कस्बों का यह हाल हो सकता है, इसलिए हम सबको एक साथ आना होगा ।

 

गंगा मिशन का दावा

वहीं गंगा मिशन के पी.आर. गोयनका ने कहा कि नदियों पर बांध बनाकर प्रकृति को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। बिजली उत्पादन के नाम पर नदियों का दोहन हो रहा है। विकास का मतलब विनाश नहीं होता है । नदियों को प्राकृतिक रूप से बहने देना चाहिए, उनपर बांध बनाना खतरनाक होगा। सड़कें चौड़ी करने के नाम पर पहाड़ों को काटा जा रहा है, जंगलों को काटा जा रहा है। जोशीमठ में एक चेहरा दिखाया जा रहा है, जबकि दूसरा चेहरा कॉन्ट्रैंक्टर लॉबी का है जिसने विकास के नाम पर पूरे इलाके को बर्बाद करने की कोशिश की है।

प्रेस वार्ता के दौरान संकेत दिया गया कि प्रकृति का ऐसे ही दोहन होता रहा  और सरकारें यूं ही उदासीन बनी रहीं तो बंगाल की धरती से शुरू होने वाले सेव जोशीमठ मिशन को राष्ट्रीय रूप देने का प्रयास होगा। हम किसी भी हद तक जाएंगे, लेकिन प्रकृति से किसी को खेलने की इजाजत नहीं देंगे। प्रेस वार्ता में मो. सलीम व प्रह्लाद राय गोयनका के अलावा कई और लोग भी शामिल थे।

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