Coromandel Express ने 14 साल बाद दोहराया इतिहास, संयोज या साजिश ?

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन दुर्घटना से पूरे देश की रूह कांप उठी है। मृतकों की संख्या 290 के पार पहुंच गई है। वहीं, घायलों का आंकड़ा 1000 के पार हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। बता दें कि बालासोर में हुआ ये ट्रेन हादसा देश की सबसे बड़े हादसों में से एक बन गया है। देश में रेल हादसे पहले भी हुए हैं, लेकिन इतना भयानक हादसा करीब डेढ़ दशक बाद हुआ है। हादसे की तस्वीरें और वीडियो देखकर मौत के उस मंजर का अनुमान लगाया जा यह कितना खौंफनाक रहा होगा। बालासोर के इस हादसे ने 2009 में हुए एक दर्दनाक हादसे की याद दिलाता है। इसे अब संजोग ही कहे या दुर्भाग्य। 2009 में हुआ वो हादसा भी ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस के साथ ही हुआ था। इतना ही नहीं जिस दिन वो हादसा हुआ, वो भी शुक्रवार का ही दिन था। हादसे की तारीख थी 13 फरवरी 2009। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर 14 साल बाद कैसे उसी दिन, वही ट्रेन, और उसी जगह पर फिर वही हादसे का शिकार हो गई। सोचने वाली बात यह है कि क्या यह मानवीय भूल है या तकनीकी गड़बड़ी की वजह से यह हादसा हुआ है। या फिर इसके पीछे कोई और वजह है।

बता दें कि साल 2009 में कोरोमंडल एक्सप्रेस हावड़ा से चेन्नई के लिए रवाना हुई थी। ट्रेन की रफ्तार भी काफी तेज थी। इसी दौरान ओडिशा के बालासोर में अचानक ट्रेन के 16 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में भी बोगियां एक दूसरे पर चढ़ गई थी। इस घटना में 16 यात्रियों की जानें गई थी। वहीं, 160 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान पूर्व रेलमंत्री लालू यादव ने घटना पर दुख जताते साजिश की आशंका जताई थी और उन्होंने जांच के आदेश दिए थे।

वहीं 2 जून को हुए इस हादसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बालासोर पहुंचे हुए हैं। वहीं, घटनास्थल पर ओडिशा के मुख्यमंत्री, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद हैं। केंद्र सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया गया है। वहीं घायलों को अस्पताल में 50 हजार रुपये दिए गए हैं।

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