एसएसकेएम में शुरू होगी देश की पहली अत्याधुनिक यूनिट

हृदय रोग और स्ट्रोक के इलाज में नया कदम

कोलकाताः हृदय रोग और स्ट्रोक के इलाज के लिए महानगर कोलकाता स्थित सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एसएसकेएम में देश की सबसे अत्याधुनिक यूनिट चालू की जायेगी। इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में दो हाइपर एक्टिव यूनिट शुरू की जायेगी।

स्वास्थ्य विभाग सूत्रों के मुताबिक एसएसकेएम के एनेक्सी कहे जाने वाले भवानीपुर के रामरिकदास हरलालका और कोलकाता पुलिस अस्पताल में ये दो विशेष हाइपर एक्टिव यूनिट चालू की जायेगी।

स्ट्रोकग्रस्त मरीजों के लिए रामरिकदास हरलालका अस्पताल में हाई डिपेंडेंसी यूनिट या एचडीयू स्थापित की गयी है। इसके अलावा कोलकाता पुलिस अस्पताल में 40 बेड युक्त स्ट्रोक वार्ड बनाया गया है।

कुल मिलाकर, दोनों जगहों पर स्ट्रोक के रोगियों के इलाज के लिए 59 बेड आवंटित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि देश के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में ऐसी कोई स्ट्रोक यूनिट नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग सूत्रों के मुताबिक कोलकाता के साथ ही पूरे राज्य में हृदय रोग और स्ट्रोक के मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। यहां तक ​​कि युवाओं के मामले में भी यह संख्या अब काफी ज्यादा है।

कोलकाता के अस्पतालों में जिले से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मरीजों का दबाव संभालने के लिए अस्पताल प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिए यदि यह विशेष यूनिक चालू की जाती है तो मरीजों का दबाव संभालने के साथ-साथ उन्हें सेवाएं देना भी संभव होगा।

स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि स्ट्रोक या हार्ट अटैक की स्थिति में मरीज को ठीक करने के लिए जल्द इलाज शुरू करना जरूरी है। ज्यादातर चिकित्सकों का दावा है कि अगर गोल्डन ऑवर में इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज के ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसीलिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह विशेष यूनिट शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

बता दें, हाल ही में एसएसकेएम अस्पताल मरीज के भर्ती होने को लेकर विवादों में घिर गया था। कमरहट्टी से तृणमूल विधायक मदन मित्रा ने दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल एक युवक को एसएसकेएम में भर्ती कराने में विफल रहने पर अस्पताल प्रशासन की जमकर खिंचाई की।

वहीं, अस्पताल की ओर से शिकायत को नकारते हुए मदन के खिलाफ भवानीपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। बाद में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। युवक की मौत के बाद तरह-तरह के सवाल उठे कि भर्ती में देरी की वजह से एक युवक की जान चली गयी।

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