रोते-रोत साक्षी मल्लिक ने किया कुश्ती से सन्यास का ऐलान

नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव कुछ दिन पहले सम्पन्न हुआ था। आज उसके नतीजे आए हैं। इस चुनाव में जैसा की सबको उम्मीद थी। पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के कारीबी संजय सिंह की जीत हुई है। भारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह वाराणसी के रहने वाले हैं और वह आरएसएस से भी जुड़े हैं। वहीं संजय सिंह के पैनल के सदस्यों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अधिकतर पदों पर जीत हासिल की है। उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनिता श्योराण को सिर्फ सात वोट मिले। इस जीत को बृजभूषण सिंह की जीत मानी जा रही है। और वो इस जीत से पूरी तरह से गदगद नजर आएं। लेकिन इस जीत के बाद से ही बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों को झटका लगा है।
आनन-फानन में मोर्चा खोले पहलवानों ने संवाददाता सम्मेलन किया इस दौरान पहलवान पूरी तरह से दुखी नजर आएं। साक्षी मल्लिक सहित की पहलवानों को रोता हुआ भी देखा गया। दिग्गज पहलवान साक्षी ने कहा कि फेडरेशन के खिलाफ लड़ाई में बहुत साल लगे। आज जो प्रेसिडेंट बना है, वो उसके बेटे से भी प्रिय है या उसका राइट हैंड कह लीजिए। किसी महिला को भागीदारी नहीं दी गई। मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं।


वहीं, रेसलर बजरंग पूनिया ने कहा कि खेलमंत्री ने ऑन रिकॉर्ड कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह से संबंधित फेडरेशन में कोई नहीं आएगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि बेटियों को न्याय मिलेगा। आज के चुनाव में बृजभूषण के आदमी की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है कि वे न्याय करेंगे। साथ ही कहा कि ऐसा लगता है कि पीढ़ियां न्याय के लिए लड़ती रहेंगी। सरकार ने जो वादा किया था, उसे पूरा करने में विफल रही है।
कहीं ना कहीं ये आंदोलन कर रहे पहलवानों के लिए हार के समान है अब देखना होगा कि ये आगे का क्या रास्ता अपनाते हैं।

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