कांग्रेस से गठबंधन में हो रही देरी, वाममोर्चा की बढ़ी बेचैनी

क्या बंगाल में होगी चतुर्मुखी लड़ाई?

कोलकाता, सूत्रकार : बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से गठबंधन में हो रही देरी से वाममोर्चा की बेचैनी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। दूसरी ओर भाजपा राज्य की 20 लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है।

वहीं, अकेले चुनाव लड़ने की बात कह चुकीं बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी रविवार को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हुई ‘जन गर्जन रैली’ में एक साथ बंगाल की समस्त 42 सीटों के लिए पार्टी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है।

राज्य में चतुर्मुखी लड़ाई हो सकती है: वाममोर्चा

कांग्रेस के अनिश्चित रूख के कारण वाममोर्चा सूची तैयार होने के बावजूद अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं कर पा रही है। वाममोर्चा की अगुआई करने वाली माकपा के एक नेता ने कहा,”कांग्रेस के साथ अगर गठबंधन नहीं हुआ तो राज्य में चतुर्मुखी लड़ाई हो जाएगी।” इससे कांग्रेस और वाममोर्चा, दोनों को ही नुकसान होगा। ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा क्योंकि बंगाल में वाममोर्चा पहले से शून्य पर है। हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है।

वाममोर्चा और टीएमसी आमने-सामने

दूसरी तरफ तृणमूल नेता कुणाल घोष ने वाममोर्चा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर उसमें हिम्मत है तो अकेले चुनाव लड़कर दिखाए। इसपर बंगाल कांग्रेस के सचिव सुमन राय चौधरी ने कहा कि तृणमूल की बातों से साबित होता है कि वह कांग्रेस-वाममोर्चा से डर रही है।

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