बीजेपी, कांग्रेस और वाम मोर्चा का जुलूस व प्रदर्शन

कोलकाता में टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों पर पुलिस की कार्रवाई

कोलकातापश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे साल्टलेक में नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठे टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर सियासत शुरू हो गयी है।

धरने पर बैठे टेट अभ्यर्थियों को देर रात पुलिस ने जिस तरह से हटा दिया उसे लेकर बंगाल की विपक्ष पार्टियों ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। साथ ही प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी को अपने पद से इस्तीफा दे देने की आवाज उठायी है।

आपको बता दें कि वर्ष 2014 में टेट उत्तीर्ण होने के बाद भी अभ्यर्थियों को मेधा सूची से हटा दिया गया है। यह गंभीर आरोप लगाते हुए कोलकाता के सॉल्टलेक स्थित पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के मुख्य कार्यालय के पास टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी धरने पर बैठे थे लेकिन गुरवार की देर रात पुलिस ने इन अभ्यर्थियों को जबरन हटा दिया। पुलिस का दावा है कि इस क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा-144 लागू है। इसलिए वहां से सभी प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया।

इधर, सॉल्टलेक में धरने पर बैठे टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर प्रदेश में नई सियासत शुरू हो गयी है। प्रदेश की ममता सरकार धरने पर बैठे अभ्यर्थियों के साथ क्यों न्याय नहीं कर रही है। यह सवाल विपक्षी पार्टियों ने उठाया है। इसके साथ ही बीजेपी, कांग्रेस और वाम मोर्चा की ओर से महानगर कोलकाता में विरोध जुलूस भी किया गया।

कोलकाता बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पाल के नेतृत्व में हेस्टिंग्स स्थित बीजेपी कार्यालय से धर्मतल्ला तक जुलूस निकाला गया। जुलूस के धर्मतल्ला पहुंचने पर पुलिस ने उसे रोक दिया। इस दौरान पुलिस के साथ भाजपाइयों की झड़प हुई। इस दौरान अग्निमित्रा पाल ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी को या तो आंदोलन कर रहे टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नौकरी देनी चाहिए या फिर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

दूसरी और, बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कोलकाता के मेयो रोड से जुलूस निकाला गया। अधीर चौधरी ने टेट अभ्यर्थियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की। इसके अलावा, वाममोर्चा के छात्र संगठन एसएफआइ और युवा संगठन डीवाइएफआई की तरफ से भी सॉल्टलेक में प्रदर्शन किया गया।

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