फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टरों की अब खैर नहीं

सीबीआई की लगातार छापेमारी में पायी जारही है गड़बड़ियां

रांची : फर्जी डिग्री धारी डॉक्टरों  की अब खैर नहीं । सीबीआई की लगातार छापेमारी में गड़बड़ियां पायी जारही है । छापेमारी में बोकारो के चास स्थित  शिव शक्ति कॉलोनी में मुकेश के ठिकाने पर छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया ।

मुकेश ने 2015  में  रूस से एमबीबीएस करने का दावा किया है। जबकि सीबीआई के अनुसार फाइनल परीक्षा में मुकेश को असफल  घोषित किया गया था। मुकेश ने मेडिकल प्रैक्टिस के लिए बिहार मेडिकल काउंसिल से 27 अक्तूबर 2015 को रजिस्ट्रेशन कराया था। राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड ने इसमें गड़बड़ी पकड़ते हुए उसे आरोपी बनाया है ।

सीबीआई ने राज्य चिकित्सा परिषद और एमसीआई के अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ 21 दिसंबर को मामला दर्ज किया गया था । इसी क्रम में  विदेशों से हासिल की गयी एमबीबीएस की फर्जी डिग्री के आधार पर भारत में प्रैक्टिस करने वाले 73 डॉक्टरों के 91 ठिकानों पर सीबीआई ने बुधवार व गुरुवार को छापेमारी किया।

आरोप है कि उक्त डॉक्टरों ने विदेशों से फर्जी डिग्री व नकली प्रमाण पत्र बनवाये और उनके आधार पर भारत में प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण कराया है। इस संबंध में मिली शिकायत के बाद सीबीआई ने पंजीकरण की जांच में गड़बड़ियां पकड़ी।

विभिन्न विदेशी कॉलेजों से एमबीबीएस की डिग्री लेनेवाले 73 लोगों के अलावा अन्य को आरोपी बनाया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है। कि अनिवार्य योग्यता परीक्षा में विफल रहने के बावजूद विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने  का दावा करने वाले 73 लोगों ने 14  राज्यों के चिकित्सा परिषदों में खुद को पंजीकृत कराने में कामयाबी हासिल की । इसके बाद प्रैक्टिस करने की पात्रता हासिल कर ली है।

सीबीआई ने दिल्ली, चंडीगढ़,अमृतसर,गुरदासपुर,भटिंडा, खन्ना,करनाल,सवाई माधोपुर,नरवाना, हमीरपुर,शिमला, जम्मू, श्रीनगर, हरादून, गाजियाबाद, गुवाहाटी,तेजपुर, इंफाल, सिक्किम, राजपुर,  पटना, मुंगेर, मुंबई, जयपुर, सीकर, विजयवाड़ा, वारंगल, तिरुनेलवेली, मदुरै, भोपाल, नागपुर, बुलढाणा, पुणे, जलगांव, दरभंगा, भागलपुर, चंपारण,  बेगूसराय, बोकारो, विजाग, हाजीपुर, वैशाली, नालंदा समेत कुल  91 जगहों पर छापेमारी की थी। जहाँ  से कई महत्वपूर्ण  दस्तावेज  मिले ।

 

 

 

यह भी पढ़ें-  राज्य में ठण्ड के मौसम में बीमारियों ने दी दस्तक

 

#फर्जी डिग्री धारी डॉक्टरों की अब खैर नहीं