ईडी अधिकारी ने दो टूक कहा

राशन वितरण भ्रष्टाचार में शामिल हैं मंत्री ज्योतिप्रिय, भाजपा ने की ममता की भूमिका जांचने की मांग

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के राशन वितरण भ्रष्टाचार के मामले में करीब 20 घंटे की तलाशी और पूछताछ के बाद शुक्रवार तड़के राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी को लेकर तृणमूल का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई की है। ईडी ने साफ कर दिया है कि राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में मंत्री मल्लिक संलिप्त रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमें उनसे पूछताछ करना जरूरी है और इसलिए हम उनकी हिरासत का अनुरोध करेंगे। ईडी के अधिकारी ने कहा, वह सहयोग नहीं कर रहे हैं और कल पूछताछ के दौरान उन्होंने हमारे अधिकारियों को भ्रमित करने वाले और विरोधाभासी जवाब दिए। वह लगातार यही कहते रहे कि वह बीमार हैं इसलिए सवालों का जवाब नहीं दे सकते। हमें घोटाले के संबंध में उनसे कई सवालों के जवाब चाहिए। मंत्री राशन वितरण अनियमितताओं में शामिल रहे हैं।

मल्लिक के आवास पर छापेमारी की कार्रवाई को ‘‘बदले की राजनीति’’ करार दे चुकी तृणमूल कांग्रेस ने हैरानी जताई कि केंद्रीय एजेंसियां विभिन्न घोटालों में संलिप्त होने के आरोपी भाजपा नेताओं को लेकर नरम क्यों हैं। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, आखिर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी शुभेंदु अधिकारी जैसे भाजपा नेताओं पर चुप क्यों है जिनका नाम नारद और सारदा घोटाले में आ चुका है? क्या यह इसलिए है कि वह भाजपा के नेता हैं? केंद्रीय एजेंसियां भाजपा के विस्तारित पार्टी कार्यालय की तरह काम कर रही हैं।

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा कि इस तरह की धमकी अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी को डरा नहीं सकती। मल्लिक की गिरफ्तारी के बारे पूछे जाने पर राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रथिन घोष ने कहा, जांच अभी जारी है इसलिए मैं अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता। जांच पूरी होने दीजिए।

Ration distribution corruption in West BengalState Vice President of Trinamool Congress Jai Prakash MajumdarTrinamool Congress spokesperson Kunal Ghoshतृणमूल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदारतृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोषपश्चिम बंगाल के राशन वितरण भ्रष्टाचार