रांची : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) एक बार फिर झारखंड राज्यसभा चुनाव 2016 हॉर्स ट्रेडिंग केस की जांच करने की तैयारी कर रहा है।
ईडी ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों से पत्राचार किया है और केस की सुपरविजन रिपोर्ट, इंटरनल इंक्वायरी रिपोर्ट मांगी है।
ईडी ने अपने पत्राचार में पुलिस विभाग से यह पूछा है कि इस केस में पीसी एक्ट लगाया है या नहीं। ईडी ने पहले भी इस केस से संबंधित एफआईआर की कॉपी मांगी थी।
जिसके बाद पुलिस ने प्राथमिकी की एक प्रति इडी को उपलब्ध करा दी थी। अब इस मामले में ईडी जांच की दिशा और कार्रवाई की भी जानकारी मांग रही है।
फिर झारखंड राज्यसभा चुनाव 2016 हौर्स ट्रेडिंग मामले में भारत सरकार निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जगन्नाथपुर थाना में केस दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच अब तक पुलिस कर रही है।
पुलिस के हाथ अब तक इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं लगा है। इस मामले की जांच हटिया डीएसपी राजा कुमार मित्रा कर रहे हैं।
इस मामले में सबूत के साथ छेड़छाड़ की भी खबरें सामने आयी थी। इस पूरे मामले की जांच के लिए एक सीडी पुलिस को सौंपी गयी थी. उस सीडी की एफएसएल( (फॉरेंसिक साइंस लैब) से जांच कराई है।
एफएसएल जांच में सीडी में छेड़छाड़ पाया गया था। इस मामले में मोबाइल फोन भी सबूत के तौर पर पुलिस को सौंपा गया था जिसमें हौर्स ट्रेडिंग के मामले में हुई बातचीत की रिकार्डिंग थी। एफएसएल जांच में उसमें कोई रिकॉर्डिंग नहीं मिली।
साल 2016 में राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव हो रहा था। राज्यसभा चुनाव के दौरान स्टिंग किया गया। योगेन्द्र साव की पत्नी और कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाए थे।
उन्होंने कहा, वोट हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास भी उनके घर पहुंचे थे। झारखंड में तात्कालीन ADGP अनुराग गुप्ता और सलाहकार अजय कुमार ने भी वोट भी प्रयास किया था कि मैं वोट ना दूं।
इसके लिए करोड़ रुपए का लालच दिया गया था। झारखंड से बीजेपी के दो उम्मीदवार मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार ने जीत हासिल की थी।
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