मणिपुर हिंसा में प्रभावित परिवारों ने असम में ली शरण

मणिपुर : मणिपुर के जिरीबाम जिले और आसपास के इलाकों से 1,100 से अधिक लोगों ने अंतरराज्यीय सीमा पार कर असम के कछार जिले में प्रवेश किया है। जानकारी के अनुसार अधिकांश प्रवासी कुकी समुदाय से हैं। जिरीबाम के निवासी 43 वर्षीय एल मुआंगपु ने कहा कि गुरुवार रात लगभग 10 बजे अपने इलाके में चीख-पुकार सुनी। कुछ मिनटों के बाद पता चला कि उनपर हमला किया गया है। वे पथराव कर रहे थे और धमकी दे रहे थे। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि यह उनका अंतिम युद्ध है। उपायुक्त ने कहा कि इनमें से कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। वहीं बाकी के कछार जिला प्रशासन द्वारा जोरखा हमार लघु प्राथमिक विद्यालय, मीरपुर लघु प्राथमिक विद्यालय, फुलर्टल यूनियन हाईस्कूल और सबडिवीजन के रंगमैजान, के बेथेल तथा लालपानी गांव में सामुदायिक भवनों में स्थापित विभिन्न शिविरों में यह लोग रह रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि तत्काल दो दिनों का राशन उपलब्ध कराया गया है। आवश्यकता के अनुसार और अधिक राशन वितरित किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि सीमा क्षेत्र में स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे पड़ोसी राज्य मणिपुर में अशांति से संबंधित किसी भी तरह की अफवाह का शिकार न हों या अफवाह न फैलाएं। इस बीच मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार असम के उन छात्रों के साथ लगातार संपर्क में है जो मणिपुर में हैं। हिमंत शर्मा ने ट्वीट कर बताया कि अवसर मिलते ही हम उन्हें वापस लाएंगे।

वे परिवार के सभी सदस्यों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे उनकी सुरक्षा को लेकर में चिंतित न हो, कारण वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कछार जिला प्रशासन को मणिपुर हिंसा प्रभावित परिवारों की देखभाल करने का निर्देश दिया था जिन्होंने राज्य में शरण मांगी थी। इसके अलावा वे मणिपुर समकक्ष एन. बीरेन सिंह के साथ लगातार संपर्क कर रहे हैं। सिलचर के सांसद राजदीप राय ने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर पैनी नजर रख रही है।

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