बकाया वेतन की मांग में कोलकाता नगर निगम के मालियों ने किया प्रदर्शन

करीब तीन माह से ठिका मालियों को वेतन नहीं मिला है

कोलकाता : काम कर रहे हैं, लेकिन महीने दर महीने वेतन नहीं मिल रही है। वेतन को लेकर कोलकाता नगर निगम में फिर खलबली मची हुई है। इस बार करीब तीन माह से ठिका मालियों को वेतन नहीं मिला है।

बुधवार को मालियों ने बकाया वेतन के फौरन भुगतान व ठेकेदार की कंपनी को निरस्त करने की मांग की। कोलकाता नगर निगम के बागवानी विभाग के माली अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं।

ठेकेदार कंपनी के माध्यम से पीएफ, ईएसआई काटकर आठ हजार से 8500 रुपए प्रति माह मिलता है। ऐसे में तीन महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से गुजारा करना मुश्किल हो गया है।

कोलकाता नगर निगम के ये संविदा कर्मी कर्ज में डूबते जा रहे हैं। नियमित वेतन के साथ-साथ एरियर की मांग को लेकर विरोध मार्च के बाद पीड़ित कर्मचारियों ने उद्यान विभाग के निदेशक कमल सरकार से मुलाकात की।

फिर मालियों ने कोलकाता नगर निगम के केंद्रीय भवन में कार्मिक विभाग के सामने से एक विरोध मार्च निकाला। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कोलकाता नगर निगम के मुख्य भवन में उद्यान विभाग के डीजी के आवास के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने अधिकारी के घर के सामने धरना भी दिया।

डीजी से मिलने पहुंचे प्रदर्शनकारियों के दो प्रतिनिधियों ने बाहर आकर कहा कि उनकी समस्याओं पर चर्चा हुई है। डीजी मामले की रिपोर्ट नगर आयुक्त विनोद कुमार और उद्यान विभाग के प्रभारी मेयर पार्षद देवाशीष कुमार को देंगे।

उन्होंने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। कोलकाता नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक, जिस कंपनी पर वेतन न देने का आरोप लगाया गया है, उसके बैंक खाते को अदालत ने कानूनी पेचीदगियों में बंद कर दिया है।

इसलिए वेतन में देरी हो रही है। वहीं इस मामले को नगर निगम के अधिकारी गंभीरता से देख रहे हैं कि मालियों के वेतन का जल्द कैसे निपटारा किया जा सकता है।

 

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