महर्षि दयानंद सरस्वती के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य

शताब्दोत्तर स्वर्ण जयंती के रुप में मनाया जाएगा

कोलकाताः महर्षि दयानंद सरस्वती के उपदेशों को पूरे बंगाल के लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य प्रांतीय आर्य वीर दल बंगाल के तत्वावधान में बंगाल के कोने कोने में पधारे आर्य समाज के प्रतिनिधियों  ने उठाया है।

शुक्रवार को  महर्षि दयानंद सरस्वती के बंगाल आगमन दिवस के 150 वें वर्ष पूणर्ता के उपलक्ष्य में महर्षि पदार्पण समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में लोगों की काफी उपस्थिति रही।

इस कार्यक्रम में आचार्य ब्रह्मदत्त, पं. अपूर्व देव शास्त्री, पं. विभाष सिद्धांत शास्त्री और आचार्य राहुल देव सहित कई विद्वानों  ने अपने विचार के माध्यम से महर्षि दयानंद सरस्वती के उपदेशों को बताया।  इसके अलावा कई लोगों ने  कई तरह के भजनों को भी प्रस्तुत किया।

इसे भी पढ़ेंः HC से राज्य सरकार को मिला झटका

इस मौके पर समारोह के संयोजक आचार्य योगेश शास्त्री ने9 सूत्रीय कार्यक्रमों के तहत बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती के उपदेशों को लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम 1 वर्ष तक चलेगा। इस कार्यक्रम को शताब्दोत्तर स्वर्ण जयंती के रुप में मनाया जाएगा।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष दीनदयाल गुप्त सहित कई लोगों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

इस मौके पर बताया गया कि काशी शास्त्रार्थ के विजेता महर्षि दयानंद सरस्वती भागलपुर होते हुए कोलकाता पहुंचे थे। बैरिस्टर चंद्रशेखर सेन, पं. सत्यव्रत सामश्रयी,  बैरिस्टर उमेश चंद्र बंद्योपाध्याय कई लोगों ने उनका स्वागत करने के लिए हावड़ा स्टेशन पर पहुंचे थे। उसके बाद उनको पथुरियाघाट स्थित राजा सोरेंद्र मोहन ठाकुर की राजबाड़ी ले आए।

Barrister Umesh Chandra BandyopadhyayMaharishi Debut CeremonyMaharshi Dayanand Saraswatiबैरिस्टर उमेश चंद्र बंद्योपाध्यायमहर्षि दयानंद सरस्वतीमहर्षि पदार्पण समारोह