नियुक्ति रद्द किये जाने के खिलाफ खंडपीठ पहुंचे ग्रुप सी कर्मचारी

बंगाल में ग्रुप सी नियुक्ति में भ्रष्टाचार

कोलकाताः ग्रुप सी नियुक्ति में हुए भ्रष्टाचार मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के निर्देश को हाईकोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी गयी है।

ग्रुप सी नियुक्ति के भ्रष्टाचार मामले में पिछले सप्ताह न्यायाधीश अभिजीत गांगुली की एकलपीठ ने 750 कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया था।

अभिजीत गांगुली की एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुब्रत तालुकदार और सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ में सोमवार को याचिका लगी है। इसी सप्ताह मामले की सुनवाई हो सकती है।

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याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता पार्थ देवबर्मन ने आवेदन किया है। उन्होंने बताया कि पिछले शुक्रवार को न्यायाधीश गांगुली की एकलपीठ ने ग्रुप सी के 750 कर्मचारियों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया था।

साथ ही एसएससी की सिफारिश पत्र के बगैर नौकरी कर रहे 57 लोगों को भी नौकरी से हटाने का आदेश दिया था। वहीं, न्यायाधीश के आदेश के बाद ग्रुप सी के कुल 842 कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। इसी सिलसिले में खंडपीठ में एकल पीठ के इस फैसले पर स्थगन लगाने की याचिका लगाई गई है।

उल्लेखनीय है कि एसएससी उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसा पत्र जारी करता है। उसी के आधार पर मध्य शिक्षा बोर्ड नियुक्ति पत्र देता है। फलस्वरूप नियमानुसार बिना अनुशंसा पत्र दिये नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा सकता है।

हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक ग्रुप सी के 57 लोगों के मामले में आरोप है कि एसएससी कार्यालय से कोई अनुशंसा पत्र नहीं दिया गया था। पिछले साल संदीप प्रसाद द्वारा दायर एक मामले में यह आरोप लगाया गया था कि एसएससी के ग्रुप सी पदों पर कई कर्मचारियों को अवैध रूप से नियुक्त किया गया था।

इस मामले में न्यायाधीश गांगुली के आदेश पर बर्खास्त कर्मचारियों को पिछले शुक्रवार से स्कूल में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इसके अलावा, न्यायाधीश ने एसएससी को 10 दिन के भीतर ग्रुप सी के खाली पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया है।

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