शाहजहां शेख को आज ही सीबीआई को सौंपें : कलकत्ता हाईकोर्ट

तृणमूल कांग्रेस ने छह साल के लिए उसे पार्टी से निलंबित कर दिया था

कोलकाता, सूत्रकार : कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल के संदेशखाली में जबरन वसूली, जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न के आरोपी और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंप दी है।

हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को शाहजहां और मामले से जुड़ी सभी सामग्री सौंपने के लिए आज शाम 4.30 बजे तक का समय दिया था। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली हाईकोर्ट की पीठ ने सीबीआई और राज्य के पुलिस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम गठित करने के पहले के आदेश को रद्द कर दिया और मामले को केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया है।

कोर्ट के फैसले आने के बाद शाहजहां शेख को हिरासत में लेने के लिए सीबीआई दोपहर भवानी भवन पहुंची। उनके साथ चार गाड़ियों में केंद्रीय बल आये थे। सीबीआई ने शाहजहां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की। इसके साथ ही दक्षिण बंगाल एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक) सुप्रतिम सरकार राज्य पुलिस मुख्यालय भवानी भवन पहुंचे।

शाहजहां शेख पांच जनवरी से ही फरार था, जब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पर छापे के दौरान उसके समर्थकों की भीड़ ने हमला कर दिया था। इसके बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। सत्तारूढ़ तृणमूल पर निशाना साधते हुए भाजपा ने उसे बचाने का आरोप लगाया था।

55 दिनों तक फरार रहने के बाद आखिरकार शाहजहां शेख को पुलिस की एक विशेष टीम ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने छह साल के लिए उसे पार्टी से निलंबित कर दिया था।

शेख की गिरफ्तारी हाईकोर्ट के आदेश के तीन दिन बाद हुई थी। अदालत ने तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की टिप्पणियों का जवाब दे रही थी, जिन्होंने दावा किया था कि सरकार शाहजहां को गिरफ्तार करने में असमर्थ थी, क्योंकि न्यायपालिका ने पुलिस के हाथ ‘बांध’ दिए थे।

अभिषेक बनर्जी ने भाजपा के आरोपों के जवाब में कहा था कि टीएमसी शाहजहां की सुरक्षा नहीं कर रही है, न्यायपालिका रोक हटाए और देखें कि पुलिस क्या करती है।

अदालत ने पलटवार करते हुए कहा कि जाहिर तौर पर शाहजहां को गिरफ्तार करने की जरूरत है। अदालत ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि किसी भी कार्यवाही में गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है। वह फरार है।

वहीं, गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह गिरफ्तारी नहीं है, यह एक आपसी समायोजन है। साथ ही उन्होंने कहा था कि जब तक केंद्रीय एजेंसियां ​​उसे अपनी हिरासत में नहीं ले लेतीं, वहां के लोगों को न्याय नहीं मिलेगा।

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