दिव्यांगता पर भारी विचारधारा…

चलने और देखने में असमर्थ लोगों ने भी की एसयूसीआई की रैली में शिरकत

अंकित कुमार सिन्हा

विचारधारा क्या होती है और उसके प्रति मोह और लगाव क्या होता है इसको अगर अच्छे से देखना है या फिर महसूस करना है तो ब्रिगेड में एसयूसीआई की रैली में आकर महसूस किया जा सकता है। जरूर इन लोगों के कुछ अंगों ने इनका साथ छोड़ दिया था लेकिन उनके हौसले अभी भी मजबूत थे और उसी को आत्मशक्ति बनाकर वे ब्रिगेड की इस रैली में पहुंचे थे। इस रैली में 25 राज्यों से लोग आए थे। इसमें युवा, महिला, बूढ़े और दिव्यांग सभी लोगों ने हिस्सा लिया। सभी में अपने नेता और विचारधारा के प्रति गजब की वफादारी दिखी।

क्या कहा दिव्यांगजनों ने…

नदिया से आए बुद्धदेव सिकदर जो आंखों से देख नहीं सकते हैं। वो इस रैली में शामिल होने आए थे। उन्होंने सूत्रकार समाचार से बात करते हुए कहा कि मैं शिवदास घोष के जन्मशताब्दी में हिस्सा लेने के लिए मैं आया हूं। मैं पिछले 20 सालों से जुड़ा हूं। मैं मार्क्सवाद और लेफ्ट की विचारधारा से प्रभावित हूं। मैं चाहता हूं कि और युवा लोग इस पार्टी से जुड़ें। हम एसयूसीआई के विचारधारा को और बढ़ाना चाहते हैं। हम लोग लेफ्ट की सभी रैलियों में हिस्सा लेते हैं।

 

ओडिशा से आए सुरेंद्र नायक जो लाठी के सहारे ओडिशा से चलकर रैली में शामिल होने आए थे। चलने में वो जरूर थोड़े बहुत असमर्थ थे लेकिन उन्होंने अपनी विचारधारा को अपनी आत्मशक्ति बनाकर उसी के सहारे कोलकाता पहुंचे थे। वे बताते हैं कि हम कॉमरेड शिवदास की जन्मशताब्दी वर्ष में हिस्सा लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं 700 किलोमीटर दूर से आया हूं। पूरी दुनिया में जो गरीबों और कमजोरों के साथ जो अत्याचार हो रहा है उसके लिए एसयूसीआई से बेहतर कोई पार्टी नहीं है। एसयूसीआई हमेशा गरीबों के साथ खड़ी रहती है। इसलिए हम लोग हमेशा इस पार्टी के साथ खड़े रहते हैं।

 

35 साल बाद कोलकाता में रैली

आपको बताते चलें कि लगभग 35 साल बाद कोलकाता का ब्रिगेड मैदान एक बार फिर एसयूसीआई(कम्युनिस्ट) के झंडों से पटा नजर आया। इससे पहले एसयूसीआई (सी) ने 1988 में ब्रिगेड में एक रैली की थी। मौका था महान क्रांतिकारी, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के संस्थापक और पहले महासचिव शिवदास घोष के जन्मदिवस का। इसकी तैयारी पिछले कई दिनों से की जा रही थी। इस रैली में खुद एसयूसीआई (सी) के महासचिव प्रभास घोष ने भी अपना वक्तव्य रखा। रैली को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया है।

 

सुबह से ही स्टेशनों पर दिखी भीड़

रैली की तैयारी एसयूसीआई पिछले कई दिनों से कर रही थी। आज उसका नतीजा में देखने को मिला भीड़ के रूप में। कोलकाता के सभी स्टेशन लगभग कार्यकर्ताओं से खचाखच भरे नजर आएं। शनिवार सुबह से ही विभिन्न जिलों से एसयूसीआई (सी) समर्थक ब्रिगेड में जुटने लगे। एक बड़ा जुलूस हावड़ा स्टेशन से आगे बढ़ा, दूसरा मार्च सियालदह से, सेंट्रल एवेन्यू और अलीपुर पास से जुलूस एक-एक करके ब्रिगेड तक पहुंचे।

ये थे मुख्य वक्ता

पार्टी के संस्थापक शिवदास घोष का जन्म शताब्दी समारोह पिछले साल 5 अगस्त को दिल्ली में शुरू हुआ था। शनिवार को ब्रिगेड में उनका समापन समारोह हुआ। अखिल भारतीय महासचिव प्रभास घोष, हरियाणा राज्य सचिव सत्यभान और कर्नाटक के राधाकृष्ण मुख्य वक्ता थे।

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