इस प्यार को क्या नाम दूँ?

रामगढ़ : कहते हैं प्यार दो दिलों का मिलन है। जिसमें भगवान का वास होता है। तभी तो सिरी-फरहान, लैला-मजनू, सबिहा-सब्राह राधा-कृष्ण का नाम लोग फक्र से लेते हैं। लेकिन मैं एक ऐसे प्यार का जिक्र करने जा रही हूं, जिसमें प्रेमी अपनी प्रेमिका से अथाह प्यार करता है। लेकिन उस पर विश्वास नहीं करता, उसे जंगल में एक पेड़ से बांधकर रखता है अपने हाथो से खाना खिलाता है, फिर उसे पेड़ से बांध कर अपने काम में चला जाता है। जी हां! यह मामला है झारखंड के रामगढ़ के पास बसा जुमरा गांव का, इसी गांव का रहने वाला सरहुल मुंडा गांव की एक लड़की से प्यार करता था। वह भी सरहुल मुंडा को बे इंतिहा प्यार करती थी।

इस प्यार के परीक्षा में वह हमेशा खरा उतरने का प्रयास भी करती थी। सरहुल मुंडा को हमेशा लगता था कि गांव का कोई लड़का उस पर डोरा न डाल दे। इस शक के कारण उसने युवती को गांव के सटे जंगल में बुलाया और संग जीने मरने की कसमें खाई और प्यार की परीक्षा लेने के लिए युवती से कहा। युवती के अनुसार वह स्वतः तैयार हो गई। उस पर युवक ने उसे एक पेड़ से बांधकर चार दिनों तक रखा।

समय होते खाना और नाश्ता भी देता फिर उसे पेड़ से बांध देता। वही चार दिनों के बाद मवेशी चराने गई एक युवती की नजर बंधक बनाई गई लड़की पर गई। इसके बाद युवती ने जंगल में लड़की के बंधे होने- की जानकारी ग्रामीणों को दी। इस पर ग्रामीणों द्वारा लड़की को मुक्त कराकर गांव के अखरा में लाया गया। जहां युवती ने बताया कि उसके प्रेमी द्वारा ही चार दिनों से उसे बंधक बनाकर जंगल में रखा गया था।

घटना के बाद गांव में दो पक्षों के बीच तनाव का माहौल कायम हो गया था। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया। मुखिया व ग्रामीणों की उपस्थिति में दोनों परिवारों के बीच समझौता कराया गया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में प्रेमी व प्रेमिका को विवाह बंधन में बांधा गया। जिसके बाद यह मामला शांत हुआ।

 

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