अगर आपके घर के बाहर डेंगू के मच्छर पनपे तो लग सकता है 1 लाख रुपए जुर्माना!

बारिश का पानी ज्यादा दिनों तक रहने के कारण वहां मच्छरों की संख्या ज्यादा हो जाती है

कोलकाता : कई बार चेतावनी देने के बाद भी शहरवासी नहीं सुन रहे हैं। घर के आस-पास फूलों के टब, टूटे फर्नीचर में पानी जमा हो जाता है और वह कई दिनों तक जमा रहता है। बारिश का पानी ज्यादा दिनों तक रहने के कारण वहां मच्छरों की संख्या ज्यादा हो जाती है। लिहाजा डेंगू का खतरा बना रहता है। लोगों को नगर निगम की ओर से कई बार चेतवानी दी गयी है लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। कोलकाता नगर निगम ऐसे अवज्ञाकारी निवासियों के खिलाफ मजिस्ट्रेट कोर्ट में मुकदमा दायर करेगा। सुनवाई के बाद दोषी पाए जाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

इधर, सोमवार से ही बंगाल में मानसून प्रवेश कर गया है। घर में पानी जमा न हो इसके लिए नगर निगम के अधिकारी सक्रिय हैं। डेंगू के वाहक एडीज एजिप्टी ने समय के साथ अपना चरित्र बदल लिया है। पहले एडीज मच्छर साफ पानी में अंडे देता था। एडीज मच्छर पानी में पनपते हैं जो घर के आसपास खाली पड़े बर्तनों में इकट्ठा हो जाते हैं।

साफ पानी के साथ-साथ गंदे पानी में भी एडीज मच्छर पनप रहे हैं, लिहाजा खतरा बढ़ गया है। बहुत से लोग घर के आसपास साफ-सफाई नहीं रखते हैं। कोलकाता शहर में कुछ घरों में खुली नालियां भी हैं। नहर में जमा पानी अब एडीज का प्रजनन स्थल बन गया है। नगर निगम बार-बार रहवासियों को चेतावनी दे रही है। ऐसा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

कोलकाता शहर में कई घर बंद हैं। घर का मालिक विदेश में रहता है। अक्सर नगर निगम के पास फोन आता है कि घर की छत पर बने टब के पानी में मच्छर पैदा हो जाते हैं। इस मामले में मेयर परिषद (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने कहा कि बंद मकान में मच्छर पनपते दिखे तो स्थानीय पुलिस की मदद से मकान और फ्लैट को तोड़ा जाएगा।

नगर निगम सप्ताह में दो दिन 144 वार्डों के प्रत्येक घरों में जाकर जांच करेगा। ताकि देखा जाए कि किस घर में पानी जमा है। उन्होंने बताया कि अगर कही पानी जमा रहता है तो सबसे पहले स्थानीय लोगों को आगाह किया जाएगा।

सुनवाई नहीं होने पर दूसरे चरण में केएमसी एक्ट की धारा 496ए के तहत नोटिस दी जाएगी। सात दिन बाद फिर नगर निगम की टीम उस इलाके का दौरा करेगी। यदि कोई निवासी चेतावनी के बावजूद उदासीन रवैया अपनाता है, तो उस निवासी के खिलाफ नगर मजिस्ट्रेट न्यायालय में मामला दायर किया जाएगा।

जानकारी के लिए बता दें कि मुकदमे के दौरान दोनों पक्षों को पेश होना होगा। यदि अदालत निवासी को मच्छरों के लार्वा के प्रजनन का दोषी पाती है, तो एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम की टीम भी आवास बनाने जा रही है। कोलकाता नगर निगम के मुख्य कीट विज्ञानी देवाशीष विश्वास ने कहा कि कई निर्मित आवासों में मच्छरों के लार्वा पाए जाते हैं।