झारखंड हाई कोर्ट ने फांसी की सजा पाए 15 कैदियों को किया रिहा

झारखंड : घाघीडीह के एक कैदी मनोज सिंह की हत्या के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को फांसी की सजा पाए 15 कैदियों को रिहा कर दिया। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और अंबुज नाथ की खंडपीठ के अनुसार, अगर उनके खिलाफ कोई अन्य मामला नहीं है, तो उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाना चाहिए। मामले में सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मनोज हत्याकांड में जमशेदपुर की निचली अदालत ने 18 अगस्त 2022 को 15 अभियुक्तों को फांसी और चार अन्य को दस-दस साल सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ सभी ने हाईकोर्ट में अपील की थी।

 

ये भी पढ़ें :  कबूतरों का बसेरा बना,करोड़ो का नवनिर्मित भवन

 

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विकास कुमार और सौरभ कुमार ने अदालत को बताया कि निचली अदालत ने सिर्फ सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सजा सुनाई है। इससे कहीं पता नहीं चलता है कि मारपीट में कौन-कौन लोग शामिल थे और किस चीज से मनोज सिंह पर हमला किया गया। डिजिटल साक्ष्य के लिए प्रमाण पत्र भी कोर्ट में नहीं दिया गया था, जिससे साबित किया जा सके कि यह जेल के कंप्यूटर से निकाला गया है। नियमानुसार प्रमाण को कोर्ट में दाखिल करना जरूरी था। इसके अलावा पीड़ित हरीश सिंह का बयान भी नहीं लिया गया, जिसकी वजह से मारपीट हुई। अदालत ने माना कि इनके खिलाफ सबूत नहीं थे। मामला रेयर आफ रेयरेस्ट की श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए आरोप मुक्त किया जाता है।