झारखंड आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां पर्यावरण को संरक्षण देना प्राथमिक जिम्मेदारी है- बादल पत्रलेख

रांची : पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश में मिशन लाइव पर आधारित व्यापक जागरूकता अभियान 5 मई से 5 जून तक चलाया गया। जिसके तहत झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग, राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट और सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा मिशन लाइव पर 10 मई से राज्य के सभी जिलों में जन जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसे प्रमुख नागरिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थान, उद्योग, मीडिया और महिलाओं और युवा समूह और आम नागरिकों द्वारा व्यापक रूप से समर्थन मिला। मिशन लाइक के तहत जीवन शैली से संबंधित 75 कदमों को 7 श्रेणियों में सूचीबद्ध किया गया है। जिसमें ऊर्जा की बचत, पानी की बचत, शून्य अपशिष्ट, टिकाऊ खाद प्रणाली, स्वस्थ जीवन शैली अपनाना, ई कचरा प्रबंधन, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का कम उपयोग।

 

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वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे के मौके पर मिशन लाइफ के तहत झारखंड मंत्रालय के सभागार में राज्य के वैसे लोगों को सम्मानित किया गया जिन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा  में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मौके पर राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे के मौके पर कहा की झारखंड एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जहां पर पर्यावरण को संरक्षण देना प्राथमिक जिम्मेदारी है। वही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अध्यक्षता में पर्यावरण को कैसे बचाया जा सके, उस दिशा में सरकार के साथ और राज्य की जनता को लेकर पर्यावरण को कैसे सुरक्षित रखा जा सके, उस दिशा में लगातार कार्य हो रहे हैं। जिससे झारखंड राज्य का पर्यावरण सुरक्षित और रह महफूज़ सके। वही अपने जीवन काल में लाखों पेड़ों को संरक्षित करने वाले हजारीबाग के सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने गीतों के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दिया। मौके पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित भी किया गया।