जीवनकृष्ण साहा ने किया जमानत के लिये आवेदन

कोलकाता : शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में मंगलवार को कुल आठ लोगों को कोर्ट में पेश किया गया। आरोपियों में शामिल तृणमूल विधायक जीवनकृष्ण साहा ने बार-बार सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, न्यायाधीश अर्पण कुमार चटर्जी ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीबीआई को स्पष्ट आरोप पत्र तैयार करने और जांच जल्दी पूरी करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में विधायक जीवनकृष्णा के वकील ने कहा कि सीबीआई सोचती है कि वे अदालत में जो पेश करेंगे वही वैध होगा। सभी के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किये जा चुके हैं, जीवन के विरुद्ध भी आरोप पत्र एवं अनुपूरक आरोप पत्र प्रस्तुत किये जा चुके हैं। इसलिए उन्होंने किसी भी शर्त पर जमानत की अर्जी दी है। वकील ने टिप्पणी की कि जो भी लोग जेल में हैं उन्हें जमानत पाने का अधिकार है।

इस बीच, सीबीआई के वकील ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के मामले में किसकी क्या भूमिका है। सबूतों को नष्ट करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए सीबीआई वकील ने कहा कि ‘चार्जशीट में दिखाया गया है कि सभी का जीवनकृष्ण साहा से संबंध हैं।’ वहीं एक अन्य आरोपी प्रसन्ना राय के वकील अनिर्बान गुहा ठाकुरता ने सवाल उठाया कि आखिर सीबीआई अब तक जांच पूरी क्यों नहीं कर पाई? उन्होंने दावा किया कि जांच पूरी नहीं होने से आरोपियों को परेशानी हो रही है। उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट मांगी कि मामले के एक साल बीत जाने के बाद भी जांच क्यों आगे नहीं बढ़ रही है। हालांकि, कोई संतोषजनक जमानत अर्जी नहीं दी गई। इस दिन आरोपी शांति प्रसाद सिन्हा, सुबीरेश भट्टाचार्य, शाहिद इमाम, अली इमाम ने जमानत के लिए आवेदन दिया। बहरहाल, जज ने जमानत अर्जी खारिज कर दी और 14 साल जेल की सजा का आदेश दिया।

इस बीच, अदालत से बाहर निकलते समय तृणमूल विधायक जीवनकृष्ण साहा ने तृणमूल के शहीद दिवस समारोह के बारे में कहा कि 21 जुलाई की बैठक में बड़ी भीड़ होगी। साथ ही, लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी की सरकार जा रही है।

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