बंगाल में 9-10वीं के शिक्षकों की नौकरी रद्द का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जारी की नोटिस

कोलकाता/नई दिल्ली :  कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के ‘नौकरी खारिज’ करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है।

हाईकोर्ट के न्यायाधीश गांगुली के निर्देश पर बंगाल में 9वीं और 10 कक्षा के नौकरी खोने वाले शिक्षकों के एक वर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। इस अपील के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बता दें, एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में 9वीं और 10वीं कक्षा के 952 शिक्षकों पर ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था। इस बीच, हाईकोर्ट के निर्देश पर इनमें से एसएससी ने 618 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सिफारिश पत्र वापस ले लिया है।

बुधवार को 9वीं और 10वीं कक्षा के इन शिक्षकों के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में यह सवाल उठाया, कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने बिना किसी की बात सुने ही  5000 लोगों की नौकरी कैसे खारिज कर दी? इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा, वह एक के बाद एक टेलीविजन साक्षात्कार कैसे दे रहे हैं? इस पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बसु ने कहा, हमें यह देखना होगा कि किसने और कैसे अपनी नौकरी गंवाई है। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होने की संभावना है।

अब देखते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इन शिक्षकों की नौकरी के भविष्य को लेकर क्या फैसला लेता है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की आज की स्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि पिछला अंतरिम स्थगनादेश अगली सुनवाई तक लागू रहेगा।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में ग्रुप डी के 1911 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था। उन्होंने इन रिक्तियों को भरने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा, न्यायाधीश गांगुली ने ग्रुप सी की 842 नौकरियों को रद्द करने का निर्देश दिया था।

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