भाजपा के सातों मोर्चा की संयुक्त बैठक

राँची : राँची में जहाँ सियासी गर्मी बढ़ी हुई है वही दूसरी तरफ आज भाजपा ने सभी सात मोर्चों की संयुक्त बैठक रखी। इस बैठक में सभी मोर्चे के अध्यक्ष पहुंचे वहीं इस बैठक की अध्यक्षता बाबूलाल मरांडी, अमर कुमार बाउरी और सांसद अदित्य साहू मौजूद रहे। संगठन को एकजुट कर आगे की रूप रेखा तय की गई। राज्यपाल को भेजे पत्र पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरफराज अहमद गांडेय विधानसभा क्षेत्र से जो विधायक हैं। विधानसभा के सदस्य त्यागपत्र दिया, और त्यागपत्र तुरंत दिया और तुरंत स्वीकृत भी किया गया। स्वाभाविक है हमारे जैसा व्यक्ति पता करेगा कि उन्होंने रिजाइन क्यों दिया, कोई ऐसा बीमारी है नहीं कहीं बाहर जाना नहीं है। तो स्वाभाविक रूप से मन में बातें होती है कि इसके पीछे का कारण क्या है। यह समझ आता है पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री को ईडी ने नोटिस दिया, राज्य के मुख्यमंत्री यहां से वहां भागे फिर रहे हैं तो यह लगता है की यह सीट उसके लिए खाली किया जा रहा है ताकि वहां से वह चुनाव लड़े और चुनाव जीत करके विधायक बने। ईडी के डर से राज्य के मुख्यमंत्री भागे फिर रहे हैं। उन्हें पता चल गया कि उन्हें कीमत पर किसी न किसी दिन तो हमें अंदर अंदर जाना पड़ेगा। अपने सत्ता को अपने लिए वह सुरक्षित करना चाहते हैं।

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जैसे बिहार में लाल यादव ने अपनी राबड़ी देवी के लिए सुरक्षित किया था। तो लगा कि एक विधायक स्वस्थ होने के बाद भी रिजाइन कर रहा है रेजिग्नेशन एक्सेप्ट होता है। हमें लगा कि राज्य के राज्यपाल को हमें इसकी सूचना देनी चाहिए की विधानसभा का 1 साल से काम का कार्यकाल बचा है महाराष्ट्र हाई कोर्ट का भी निर्णय है कि जब एक साल का कार्यकाल बच्चा हो तो चुनाव करवाने का कोई मतलब नहीं है इसलिए हमें लगा कि राज्य के महामहिम को पत्र लिखना चाहिए जो महाराष्ट्र हाई कोर्ट का निर्णय है उसकी प्रति भी हमने लगाया है। वही मुख्यमंत्री द्वारा कल (बुधवार) को बुलाये गए विधायक दल की वैठक पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सब कुछ ठीक है तो अचानक ऐसा क्यो बैठक बुलाई गई । और विधायक लोग को कहा गया कि इतना ही दूरी पर रहे कि 3 घंटे के अंदर वह बैठक में आ सके। इसका मतलब है कि सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। मामला गड़बड़ है। उनको कहीं ना कहीं संदेह है, डर है तभी विधायकों को बुलाकर निर्देश दिया गया कि बाहर नहीं जाना है। चोर को डर होना ही चाहिए , अगर डरे नहीं तो बड़ा मुश्किल है, लोगों को जीना मुश्किल हो जाएगा जब उन्होंने गड़बड़ किया है गलत काम किया तभी वह डर रहे हैं। वह कहते हैं आंदोलनकारी के बेटा है तो उन्हें डर क्यों है।