पांचवीं की पढ़ाई को प्राथमिक शिक्षा की मांग वाली याचिका को जस्टिस गांगुली ने मुख्य न्यायधीश को भेजा

एक शिकायतकर्ता की याचिका जस्टिस गंगोपाध्याय की अदालत में आयी थी

कोलकाता, सूत्रकार : कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपनी पीठ से एक प्रारंभिक मामले को खारिज करते हुए उसको मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम के पास भेज दिया। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने महसूस किया कि मामले में व्यापक हित शामिल है। इसलिए जस्टिस गंगोपाध्याय ने यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े कई मामले जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच में लंबित हैं।

उनमें से कई मामलों में जस्टिस गंगोपाध्याय की बेंच की ओर से कई अहम टिप्पणियां, अहम निर्देश भी आये हैं। हालांकि, इस प्राथमिक मामले का भर्ती से कोई लेना-देना नहीं है।

विदेश गाजी नाम के एक शिकायतकर्ता की याचिका जस्टिस गंगोपाध्याय की अदालत में आयी थी। शिकायतकर्ता का कहना था कि पांचवीं कक्षा को पूरी तरह से प्राइमरी में शामिल किया जाए। उन्होंने इस संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने तर्क दिया कि कोलकाता में पांचवीं कक्षा तक के छात्रों को प्राथमिक विद्यालय के छात्रों के रूप में माना जाता है। लेकिन राज्य के कई हाई स्कूलों में पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए भी कक्षाएं हैं।

ऐसे में शिकायतकर्ता ने कोर्ट में याचिका लगाई कि पांचवीं कक्षा को पूरी तरह से प्राइमरी में शामिल किया जाए। हालांकि, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की नीति शामिल है। ऐसे में जस्टिस गंगोपाध्याय का मानना ​​है कि इस मामले को जनहित का मामला माना जाना चाहिए।  इसलिए, न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए उपयुक्त है।

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