आज कोजागरी लक्खी पूजा

महंगाई पर भारी पड़ी आस्था

कोलकाता : दुर्गापूजा के बाद आज (शनिवार) को शरद पूर्णिमा का पावन पर्व है। शरद पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वहीं, बंगाली समुदाय के लोग आज के दिन कोजागरी लक्खी पूजा के नाम से मनाते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोग मंडप में मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और घर में विशेष पूजा की जाती है। कहा जाता है कि आज की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। इस दिन पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस पूजा को लेकर कोलकाता के मछुआ बाजार, मानिकतल्ला बाजार, सियालदह बाजार सहित जिलों के बाजार में फलों के दामों में काफी मंहगाई देखी गयी। महंगाई होने के बावजूद भी लोगों ने जमकर खरीददारी की।

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे कौमुदी उत्सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा और कमला पूर्णिमा भी कहते हैं।

शरद पूर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोग विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिसे लक्खी पूजा भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ नारायण की भी पूजा की जाती है। बंगाली समुदाय के लोग लक्खी पूजा को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। घरों में पकवान बनाए जाते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।

क्या है मान्यता?

मान्यता है कि इस रात चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है, इसलिए खीर बनाते हैं और शाम को छत पर या खुले में खीर रखकर अगले दिन सुबह उसका सेवन करते हैं। कहा जाता है कि रातभर इसे चांदनी में रखने से इसकी तासीर बदलती है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

फल               दाम (रु. प्रति किलो)

सेब              120 से 140

आनार          220 से 250

केला             50 (प्रति दर्जन)

पानीफल        30 से 40

सीताफल       40 (प्रति पीस)

अमरूद         60

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