नववर्ष के दिन बिगड़ी कोलकाता की वायु गुणवत्ता

फेफड़ों और हृदय रोग से ग्रस्त लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है

कोलकाता, सूत्रकार : कोलकाता में नववर्ष के दिन वायु गुणवत्ता खराब हो गई, जिसकी मुख्य वजह बीती मध्यरात्रि को पटाखे जलाया जाना रहा। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मध्यरात्रि के जश्न के तुरंत बाद शहर के कुछ दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 250 पहुंच गया। काली पूजा की रात भी कोलकाता के कुछ हिस्सों में एक्यूआई इतना रहा था। अधिकारी के मुताबिक, हालांकि सोमवार सुबह आबोहवा थोड़ी बेहतर हुई लेकिन बालीगंज और जादवपुर जैसे कुछ स्थानों पर अपराह्न एक बजे तक एक्यूआई 281 दर्ज किया गया, जो खराब गुणवत्ता वाली हवा का संकेत देता है।

अधिकारी ने बताया कि विक्टोरिया मेमोरियल में स्थित वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ने एक्यूआई थोड़ा बेहतर दर्ज किया। विक्टोरिया मेमोरियल पर 199, रवीन्द्र सरोबर में 161 और बिधाननगर में 152 एक्यूआई दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि 101 से 199 के बीच एक्यूआई को मध्यम और 201 से ऊपर को खराब माना जाता है और इन दोनों स्थितियों में फेफड़ों और हृदय रोग से ग्रस्त लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है।

उन्होंने बताया कि सर्दियों में हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के साथ ही पटाखों का धुआं और ईएम बाईपास, जेएल नेहरू रोड, शरत बोस रोड और सेक्टर वी जैसे हिस्सों में सड़कों पर अधिक संख्या में कारों के दौड़ने से कुछ घंटों के लिए स्थिति खराब हो गई।

उन्होंने बताया कि हवा चलने और धूप खिलने से सोमवार दोपहर 12 बजे तक औसत एक्यूआई सुधरकर लगभग 170 हो गया। पर्यावरणविद् सोमेंद्र मोहन घोष ने बताया कि शहर में एक्यूआई अभी भी पिछले साल की तुलना में बेहतर है।

Kolkata's air qualitywest bengal pollution controlकोलकाता की वायु गुणवत्तापश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड