जिम्मेवारी नहीं संभल रही है तो छोड़ दीजिए पद:  मुख्य न्यायाधीश

24 घंटे के भीतर केंद्र से पर्याप्त केंद्रीय बल का अनुरोध करे

कोलकाता: पंचायत चुनाव को लेकर राज्य और राज्य निर्वाचन आयोग एक के बाद एक मामले में घिरते जा रहे हैं। इस बार हाईकोर्ट के टीएस शिवगणनम ने खुद राज्य चुनाव आयोग को जमकर फटकार लगाते हुए कड़ा संदेश दिया है।

पंचायत चुनाव 2023 में केंद्रीय बलों की सिर्फ 1 कंपनी तैनात करने के फैसले को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को कोर्ट में बड़े सवालों का सामना करना पड़ा।  कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि चुनाव आयोग 24 घंटे के भीतर केंद्र से पर्याप्त केंद्रीय बल का अनुरोध करे।  मुख्य न्यायाधीश ने केंद्रीय बलों की संख्या पर असंतोष व्यक्त करते हुए आयुक्त से कहा कि यदि आप दबाव नहीं झेल सकते हैं, तो छोड़ दें पद। राज्यपाल नए आयुक्त की नियुक्ति कर लेंगे। पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना ​​का मामला दायर किया गया था। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को फटकार लगा दी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के बाद आयोग ने राज्य के लिए 22 कंपनियों की मांग केंद्र से की है।

शिकायतकर्ताओं की ओर से वकील सौम्य मजूमदार ने कोर्ट में कहा कि आयोग इस तरह आंख क्यों मूंद रहा है? केवल 1700 सैनिकों की मांग की गई है। वे 6 जुलाई से काम करेंगे। याचिकाकर्ता ने याद दिलाया कि 2013 में पंचायत चुनाव के पांच दौर हुए थे, जिसमें 17 जिलों के लिए 82 हजार फोर्स दी गई थी। चुनाव से ठीक दो दिन पहले दूसरे राज्यों से पुलिस क्यों आएगी? उन्होंने यह सवाल भी उठाया। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या हमें आयोग पर संदेह करना है?

मुख्य न्यायाधीश ने आयोग की ओर से अदालत में कोई नहीं आने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। वे बहुत व्यस्त हैं। खुद को निर्देश देने के लिए इसे हम पर छोड़ दें। राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव करना आयोग की जिम्मेदारी है। सब कुछ सुनने के बाद मुझे अहसास हुआ कि हमारे निर्देश लागू नहीं किए गए है।

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