दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास

दुमका : सजा डीजे वन रमेश चंद्रा की अदालत ने गुरूवार को आदिवासी किशोरी छात्रा से दुष्कर्म करने वाले दोषी सिकंदर शेख उर्फ मौजी मियां उर्फ मजिद मिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग सजा और जुर्माना किया है।

न्यायालय ने अभियुक्त को पोक्सो 27/17 काठीकुंड कांड संख्या 48/17 में पोक्सों एक्ट 6 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं 25 हजार जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि नहीं देने की स्थिति में तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

न्यायालय भादवी की धारा 366 के तहत 7 साल सजा और 10 हजार जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि नहीं देने के स्थिति में दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

धारा 506 के तहत 6 माह की सजा काटनी होगी। एसटी एक्ट के तहत 2 साल सजाऔर 10 हजार जुर्माना किया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दो माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। मामले में कुल 10 गवाहों की गवाही गुजरी। बचाव पक्ष से अधिवक्ता सुभांकर मंडल और सहायक लोक अभियोजक चंपा कुमार बहस कर रही थी।

उल्लेखनीय है कि काठीकुंड थाना क्षेत्र की मैट्रिक की आदिवासी छात्रा ने नौ नवंबर 2017 को संबंधित थाने में लिखित शिकायत कर अपहरण, दुष्कर्म और धमकाने का आरोप लगाते हुए लिखित शिकायत की थी।

बताया कि स्कूल से घर जाने के दौरान तीन सितंबर 2017 को थाना क्षेत्र के नामजद आरोपी सिंकदर शेख जबरन बाईक लगा उसका रास्ता रोक लिया। स्कूटी का लालच देकर शादी करने का दबाब बनाने हुए जबरन मोबाईल छीन उसका मोबाईल नंबर लिया।

फिर एक दिन फोन कर स्कूटी खरीद लेने की बात कह थाना क्षेत्र के तकरारपुर मोड़ बुलाया, जहां से जबरन शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के अंबाजोड़ गांव में एक पहाड़िया महिला के घर में ले जाकर कई दिनों तक दुष्कर्म करता रहा। कहीं जाने पर बाहर से ताला लगा दिया करता था।

 

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