महुआ को दिल्ली हाई कोर्ट से भी मायूसी

आवास खाली करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका ली वापस

कोलकाता/ नयी दिल्ली, सूत्रकार :  सरकारी आवास रद्द करने और सात जनवरी 2024 तक इसे खाली करने के आदेश के विरुद्ध दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका को महुआ मोइत्रा ने बृहस्पतिवार को वापस ले लिया। महुआ को संसद से निलंबित कर दिया गया है जिसके बाद उनको बंगला खाली करने को कहा गया था।

महुआ ने कहा कि अब वह संपदा निदेशालय से संपर्क करके लोकसभा चुनाव तक आवास में रहने की अनुमति देने का अनुरोध करेंगी। बहरहाल दिल्ली हाई कोर्ट में मोइत्रा का बयान सुनने के बाद न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि सरकार कानून के तहत निर्णय करे। मोइत्रा की याचिका का निपटारा करते हुए जस्टिस प्रसाद ने साफ किया कि इस अदालत ने केस के गुण और दोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। कोर्ट ने डायरेक्टर ऑफ एस्टेट से उम्मीद जताई कि वह मामले में आदेश जारी करते हुए अपने विवेक का इस्तेमाल करेगा।

मोइत्रा ने याचिका में अनुरोध किया था कि एस्टेट एनफोर्समेंट के 11 दिसंबर 2023 के उस आदेश को रद्द करके उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने तक आवास का कब्जा वापस दिया जाए। मोइत्रा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पिनाकी मिश्रा ने कहा कि याचिकाकर्ता केवल 31 मई, 2024 तक सरकारी आवास का कब्जा वापस देने का अनुरोध कर रही हैं।

कब तक खाली करना है सरकारी आवास?

मोइत्रा ने संपदा निदेशालय द्वारा सात जनवरी तक आवास खाली करने संबंधी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। आदेश के तहत मोइत्रा का सरकारी आवास 14 दिसंबर से रद्द कर दिया गया था। उन्हें सात जनवरी, 2024 तक इसे खाली करने का निर्देश दिया गया। मोइत्रा ने आगामी आम चुनावों के नतीजों तक सरकारी आवास पर अपना कब्जा बरकरार रखने की अनुमति देने का अदालत से निर्देश की मांग की थी।

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