अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस पर ममता बोलीं, दूसरी भाषाएं भी सीखें, पर अपने घर में बोलें बांग्ला

प्रवासी बंगालियों के लिए आमरा बांग्ला पोर्टल का उद्घाटन

कोलकाताः सीएम ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय भाषा दिवस के अवसर पर आह्वान किया कि जितनी भाषाएं सीखनी हैं, सीखें लेकिन अपने घर में बांग्ला ही बोंले। ममता बनर्जी मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर महानगर कोलकाता के देशप्रिय पार्क में एक समारोह में शामिल हुईं।

बांग्ला भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों को शामिल करने के विरोध पर ममता ने कहा, जितने बांग्ला भाषा में शब्द शामिल होंगे, बांग्ला भाषा समृद्ध होगी। जितना अधिक लेना-देना होगा, भाषा उतनी समृद्ध होगी।

ममता ने कहा, कितने शब्द हैं, विश्व में कॉमन हैं। मां और मदर, जल या वाटर। वाटर को कोई पानी बोलता है। मां को कोई अम्मा बोलता है। इसे मान लेना होगा। हम मातृभाषा को बदल नहीं सकते हैं। हम अपनी भाषा में अंग्रेजी भी बोल देते हैं।

आज के समय बांग्ला भाषा कितने लोग समझेंगे ? नाम ऐसा देना चाहिए और बात ऐसी करनी चाहिए कि लोग समझें। उन्होंने कहा कि भाषा का मतलब है कम्युनिकेशन। बांग्ला में प्रोग्राम हो रहा है। हिंदी गाना भी गाया जा रहा है। बांग्ला भाषा प्राण की भाषा है।

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सीएम ने आगे कहा, अंग्रेजी सीखें अच्छी तरह से, लेकिन घर में जब रहेंगे और बात करेंगे तो बांग्ला में बोलना उचित होगा।

यह हम नहीं करते हैं। बांग्ला लड़के अन्य भाषा को भी सीखें। हिंदी भाषा, उर्दू भाषा, कुरमी भाषा, नेपाली भाषा, राजवंशी, अलचिकी भाषा, गोरखा भाषा को स्वीकृति दी है। बंगाल में कई धर्म और जाति के लोग रहते हैं।

इस अवसर पर सीएम ममता ने प्रवासी बंगालियों के लिए आमरा बांग्ला पोर्टल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कवियों ने भाषा दिवस पर कविता पाठ किया।

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