हिमाचल में बागी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता हुई रद्द

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ वोटिंग करने वाले छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई है। हालांकि कांग्रेस की सरकार एक वक्त पर लग रही थी कि गिरने वाली है। वो खतरा फिलहाल के लिए टल गया है। बयानबाजी भी पूरे जोर-शोर से चल रही है। प्रदेश कांग्रेस सचिव व राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के निदेशक पुनीत मल्ली ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के निर्णय का स्वागत किया है।
वीरवार को यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि पार्टी विचारधारा से बाहर जाकर दूसरे दल को लाभ पहुंचाने वाले जनप्रतिनिधियों को अनैतिक तरीके अपना कर एक दल से दूसरे दल में जाने से रोकने के लिए ही देश दल-बदल में कानून बनाया गया था। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने इस कानून से जुड़े प्रावधानों के तहत यह निर्णय किया है।
मल्ली ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। अपने लाभ के लिए पार्टी से गद्दारी करने वाले ऐसे नेताओं को पार्टी कार्यकर्ता और जनता कभी माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार प्रदेश में पूरी तरह मजबूती के साथ काम कर रही है और 5 साल का अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करेगी।
पुनीत मल्ली ने कहा कि छोटे-मोटे मतभेद हर परिवार में होते रहते हैं, लेकिन पार्टी से बढ़कर कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी धन-बल के जरिए कांग्रेस सरकार को गलत तरीके से गिराकर प्रदेश की सत्ता हथियाना चाहती है, लेकिन उसके यह मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री और कांग्रेस हाईकमान से पार्टी के भीतर रहकर पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “हमने पर्यवेक्षक से वार्तालाप किया है और वर्तमान में जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उसके बारे में पर्यवेक्षक को जानकारियां दी हैं इसलिए जब तक निर्णय नहीं लिया जाता तब तक मैं अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालूंगा।..वे सभी विधायक से बात कर रहे हैं उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।…

bjpcongresshimachal pradeshMLAvikramaditya singh