झारखंड कैश कांड मामले में मंत्री आलमगीर आलम की बढ़ी मुश्किलें

रांची : ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन के खेल को लेकर ईडी लगातार खुलासे कर रही है. दूसरी ओर झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किलें गिरफ्तारी के बाद से लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. मंत्री के पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर से मिले दस्तावेज और कैश के संजीव लाल के द्वारा ही रखवाए गए थे. वहीं, इसके पीछे आलमगीर आलम का हांथ था. इसे लेकर ईडी ने कई अहम जानकारियां पीएमएलए कोर्ट को दी है. कुछ दस्तावेज भी ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को सबमिट किया है जिसमें ये बात कोर्ट को बताई गई है की ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था, जिसमें मिनिस्टर के लिए “M”, साहेब और माननीय मंत्री के लिए “H” का इस्तेमाल किया जाता था.

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वहीं ईडी ने बताया है कि जांच के दौरान पता चला है कि इस तरह की वसूली के रिकॉर्ड थे, जिसका संजीव कुमार लाल और अन्य अधिकारियों द्वारा भी रखरखाव किया जा रहा था. इस तरह के रिकॉर्ड के कुछ प्रमाण ईडी ने कोर्ट को भी दिए हैं. गवाहों के बयान और ईडी के पास मौजूद साक्ष्य के आधार पर चल रही जांच में आलमगीर आलम की भूमिका महत्वपूर्ण पाई गई है.इसके साथ ही ईडी ने ये भी कोर्ट को जानकारी दी है कि कमीशन से आ रहे रुपयों को ऑर्गेनाइज तरीके से कलेक्ट कर डिस्ट्रीब्यूट किया जा रहा था. उसमें शामिल लोगों का हिसा उनके काम और पद के अनुसार तय होता था. जांच के दौरान इसके कई साक्ष्य ईडी के समक्ष आए हैं.वहीं, ईडी ने कोर्ट को ये भी बताया है कि ऐसे साक्ष्य भी मिले जो आलमगीर आलम की भूमिका को स्पष्ट रूप से स्थापित करते हैं. इस वजह से ही आलमगीर आलम को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल पाया गया है, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई है.