मंत्री बन्ना गुप्ता ने IPC, CRPC और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव वाले विधेयक पर दी प्रतिक्रिया

ब्यूरो रांची : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 11 अगस्त को विवादास्पद राजद्रोह कानून को निरस्त करने सहित “औपनिवेशिक युग” के आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए तीन विधेयक लोकसभा में पेश किए।  भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले ये तीन विधेयक क्रमशः भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक हैं। अब इन विधेयकों को लेकर झारखंड के स्वास्थय मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने कहा “केंद्र के पास कुछ छिपा हुआ एजेंडा है, और इस छिपे हुए एजेंडे के अनुसार, वे कानून बना रहे हैं और तोड़ रहे हैं। समय हमें बताएगा कि उनके विचार क्या हैं और वो ये बदलाव क्यों कर रहे हैं। बता दें गृह मंत्री शाह ने 11 अगस्त को लोकसभा में ये बिल पेश  करते हुए कहा कि मैं आज जो तीन विधेयक पेश कर रहा हूं उनमें आपराधिक न्याय प्रणाली का सिद्धांत कानून भी शामिल है। उन्होंने कहा कि  इसमें एक है भारतीय दंड संहिता जो 1860 में बनी थी। दूसरी है आपराधिक प्रक्रिया संहिता जो 1898 में बनी थी और तीसरी है भारतीय साक्ष्य अधिनियम है जो 1872 में बनी थी। उन्होंने  कहा कि अब राजद्रोह कानून पूरी तरह से निरस्त कर दिया जाएगा। गृह मंत्री शाह ने कहा कि 1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही. तीन कानूनों को बदल दिया जाएगा और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में एक बड़ा बदलाव आएगा।

 

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