कोलकाता : बड़ाबाजार में हवाला कारोबारियों पर कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और एंटी राउडी सेक्शन (एआरएस) की टीम ने शिकंजा कसा और तीन मामलों में अवैध 56 लाख रुपये के साथ 9 लोगों को गिरफ्तार किया। 56 लाख रुपये की बरामदगी को लेकर पुलिस जांच में जुट गयी है।
लालबाजार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये रुपये हवाला का है या कॉल सेंटर का है, उसकी जांच की जा रही है। दरअसल, कॉल सेंटर के जरिए विदेशियों को चूना लगाया जाता है और उनसे हड़पे रुपयों को हवाला के जरिए एक देश से दूसरे देश और फिर भारत लाया जाता है।
इस बाबत जांच अधिकारियों का मानना है कि जिस तरह से रुपये लाये गये हैं उससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि ये रुपये कॉल सेंटर के है। वहीं आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पहले हवाला कारोबारी करोड़ों – करोड़ों रुपये की डील किया करते थे लेकिन अब उनका पैटर्न बदल गया है।
इसका कराण ईडी,सीबीआई व अन्य एजेंसियों की सख्ती है। अब छोटे-छोटे किश्तों में रुपये एक- जगह से दूसरे जगह पहुंचते हैं। हवाला से आये रुपये का स्त्रोत जानना बेहद मुश्किल होता है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस की रेड से बड़ाबाजार के व्यवसायियों में गुस्सा देखा गया।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
लालबाजार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोमवार को गुप्त सूचना के आधार पर एसटीएफ और एआरएस की टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर सबसे पहले बड़ाबाजार के अमरतल्ला स्ट्रीट इलाके से हुगली के रहने वाले रजत ऐश को गिरफ्तार किया था।
उसके कब्जे से 9 लाख 37 हजार 500 रुपये जब्त की गयी थी जिसको लेकर उसके पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उससे पूछताछ के बाद उसी इलाके से राजस्थान के रहने वाले विजय शर्मा को पकड़ा गया और उसके कब्जे से 10 लाख रुपये बरामद की गयी।
उसके पास उक्त रुपये कहां से आये, उसकी जांच में इलाके के ही एक कमरे से सोनारपुर के रहने वाले प्रदीप चक्रवर्ती को पकड़ा गया और उससे पूछताछ कर अवैध 12 लाख 41 हजार रुपया जब्त की गयी। विजय शर्मा की गिरफ्तारी के बाद ओडिशा के रहने वाले कपिल चरण बेहरा को एमजी रोड इलाके से पकड़ा गया।
उससे पूछताछ के बाद सोनारपुर के रहने वाले झंटू नस्कर, हावड़ा के रहने वाले संदीपव ठाकुर, बिहार के रहने वाले मुकेश कुमार और चितपुर के रहने वाले दो भाईयों चिराग रमेशभाई प्रजापति और गौरव कुमार प्रजापति को रवींद्र सरणी स्थित एक कमरे से गिरफ्तार किया गया।
उन सभी के कब्जे से 15 लाख 97,700 रुपये जब्त किये गये। इन सभी रुपयों को लेकर उनके पास कोई जवाब नहीं था और कोई दस्तावेज भी नहीं मिले हैं। बहरहाल, रुपये की बरामदगी की सूचना आयकर विभाग को दे दी गयी है।