कोलकाता। एक नहीं, दो-दो देशरत्नों की याद में महानगर के साहित्यकारों व कवियों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता जताई।
आभासीय पटल पर काव्य गोष्ठी के माध्यम से ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ की मध्य कोलकाता इकाई ने प्रांतीय अध्यक्ष डॉ गिरिधर राय की अध्यक्षता में महामना पं. मदन मोहन मालवीय व अटल बहारी वाजपेयी को स्मरण किया जिसका संयोजन किया जिला महामंत्री स्वागता बसु ने एवं संचालन किया जूही मिश्रा ने।
प्रारम्भ में कोलकाता की प्रतिष्ठित कवयित्री सुदामी यादव के आकस्मिक निधन पर कवयित्री सुषमा राय पटेल ने सुदामी जी के साथ अपने कुछ संस्मरण सभी के साथ साझा किए एवं दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।
पुष्पा साव एवं संतोष कुमार वर्मा ने अटल जी पर एवं जूही मिश्रा ने मालवीय जी पर संक्षिप्त आलेख पढ़े एवं इन विभूतियों के जीवन आदर्शों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर उपस्थित कलमकार श्यामा सिंह,विकास ठाकुर, पुष्पा साव, नीलम मिश्रा, पूनम गुप्ता, मोनू यादव, ऊषा जैन, हिमाद्रि मिश्रा एवं जूही मिश्रा ने अटल जी की कविताओं की आवृत्ति प्रस्तुत कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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अटल जी पर आलोक चौधरी की रचना ‘कारगिल का वो अचल’, विजय शर्मा विद्रोही की रचना ‘इरादों के वो अटल थे’, वन्दना पाठक की रचना ‘अटल जी सी मैं संतान मांगू सदा’ एवं मालवीय जी पर प्रांतीय महामंत्री रामपुकार सिंह की रचना ‘मदन मोहन मालवीय जी थे जन्म से बड़े हिम्मतवाले’ पटल पर बेहद सराही गयी।
शिव शंकर सिंह सुमित ने ‘आदमी ही आदमी का गला काट देता है’ एवं स्वागता बसु ने ‘नीतियों की छाँव में अनीतियाँ गढ़ीं गयीं’ जैसी समसामयिक रचनाएँ पढ़ी तो रीता चंद्रा पात्रा ने वर्ष 2022 को अलविदा करते हुए अपनी रचना ‘पुराने समय को अलविदा करें’ सुनाई और जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने ‘नया यह वर्ष तो हर वर्ष है चला आता’ सुनाकर सभी को आने वाले नव वर्ष में एक नयी शुरुआत करने का सन्देश दिया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय ने अटल जी पर अपनी रचना ‘हे कीर्तिपुरुष तुम विश्वपटल पर चमका हुआ सितारा थे, पर भारत की राजनीति के लिए तो तुम ध्रुवतारा थे’ सुनाकर सभी को भाव विभोर कर दिया।
श्रोताओं में दिलीप कुमार, राधा ठाकुर एवं दीपा ओझा ने भी सभी रचनाकारों को भरपूर प्रोत्साहित किया। अंत में जिला अध्यक्ष रामाकांत सिन्हा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन कर यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसम्पन्न किया।