15 लाख के इनामी नक्सली दुर्योधन ने किया सरेंडर

छात्र संगठन से जुड़कर काम करते संगठन के आया करीब

रांची : धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड के गेंदनावाडीह का रहने वाला दुर्दांत नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ मिथलेश दा ने आज झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। 90 के दशक में छात्र संगठन में रह कर काम करते हुए वह माओवादियों के करीब आया था। इसके बाद संगठन में काफी कम समय में तेजी से ऊपर गया। आज इसके सरेंडर करने से भाकपा माओवादियों को बड़ा झटका लगा है।

पुलिस ने नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ मिथलेश दा पर 15 लाख रुपये का इनाम रखा था। वहीं नक्सली संगठन ने भी इसे गद्दार घोषित किया है। रांची जोनल ऑफिस में नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ मिथलेश दा ने आईजी अभियान एवी होमकर, रांची जोनल आईजी पंकज कंबोज और सीआरपीएफ के आईजी के समक्ष सरेंडर कर दिया। इस दौरान डीआईजी एसटीएफ अनुप बिरथरे, एसपी हजारीबाग मनोज रतन चौथे, बोकारो एसपी चंदन झा समेत अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।
दुर्दांत नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश दा शुरुआत में छात्र संगठन से जुड़ा हुआ था।

यह दौर 90 के दशक का था। यहीं से वह नक्सलियों के संपर्क में आया। फिर संगठन में काफी तेजी से आगे बढ़ा। इसकी तरक्की का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2001 में उसे झारखंड रिजनल कमेटी का सदस्य बना दिया गया। फिर तीन साल बाद साल 2004 में उसने बाघमारा में गोपनीय रूप से पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था।

पर वह साल 2013 में बाहर निकलने के बाद माफीनामा लेकर वह संगठन में दोबारा सक्रिय हो गया। साल 2018 में उसे फिर से झारखंड रिजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया और जिलगा सबजोन का जिम्मा दिया गया। झुमरा पहाड़ पर बने सीआरपीएफ कैंप पर हमला और खासमहल के सीआइएसएफ बैरक पर हमला कर हथियार लूट की घटना के बाद वह सुर्खियों में आया था।

नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ मिथलेश दा पर कुल 104 मामले दर्ज हैं। जिनमें बोकारो में 58, चतरा में पांच, सरायकेला में चार, खूंटी में तीन, चाईबासा में दो, हजारीबाग में 26, धनबाद में एक और गिरिडीह में पांच मामले दर्ज हैं। दुर्योधन महतो मूलरूप से धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड के गेंदनावाडीह का रहनेवाला है।

दुर्दांत नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश दा इसी साल 15 जनवरी की रात आठ बजे संगठन से भाग गया। इस दफे वह अपनी पत्नी ननकी कोड़ा उर्फ सुजाता को साथ लेकर भागा। वह अपने साथ पार्टी का 52 लाख 77 हजार रुपये नकद, एक टेबलेट, 83 हजार का एक मोबाइल फोन सहित कई डिजिटल उपकरण ले गया।

संगठन ने उसे रीजनल कमेटी की सदस्यता से निलंबित करते हुए गद्दार घोषित कर दिया। उसे गद्दार घोषित करने को लेकर उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी भाकपा माओवादी संगठन ने पर्चा जारी किया था।

संगठन में दोबार जाने के बाद उसे कई अहम जिम्मेदारी दी गयी थी। उसके जिम्मे जिलगा सबजोन था। जिसके अंतर्गत ऊपरघाट, झुमरा पहाड़, विष्णुगढ़ और रामगढ़ के क्षेत्र आता है। (इसे जिलगा सबजोन कहते हैं) की कमान मिथिलेश के जिम्मे थी।

 

 

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