नेताईकांड के रथिन दंडपत को मिली जमानत

मामले की जांच सबसे पहले सीआईडी ​​को दी गयी थी

कोलकाता, सूत्रकार : नेताई नरसंहार मामले के आरोपियों में से एक रथिन दंडपत को सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति पार्थसारथी सेन की खंडपीठ ने उनकी जमानत मंजूर कर ली।

बता दें कि, 7 जनवरी 2011 को लालगढ़ के नेताई गांव में बदमाशों ने नौ ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा इस मामले में 28 लोग घायल हो गये थे। इन सभी ने पुलिस के खिलाफ विरोध जुलूस भी निकाला था। कथित तौर पर बदमाशों ने स्थानीय सीपीएम नेता रथिन के घर पर फायरिंग कर दी थी।

मामले की जांच सबसे पहले सीआईडी ​​को दी गयी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीआई के हाथों में गयी। उस घटना में सीपीएम के बिनपुर जोनल सचिव अनुज पांडेय समेत 20 सीपीएम नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। नरसंहार मामले की एकमात्र महिला आरोपी फुल्लरा मंडल और दलिम पांडेय को कुछ साल पहले जमानत मिल गई थी। वहीं, इस मामले में तपन दे को पिछले साल फरवरी में जमानत दे दी गई थी।

सीपीएम नेता की जमानत के बाद जनहित शिकायतकर्ता के वकील संजय वर्धन ने सीबीआई की जांच पर उंगली उठाई है। उन्होंने कहा कि मामले की प्रगति की रिपोर्ट हर तीन महीने में निचली अदालत को दी जानी चाहिए थी लेकिन दुर्भाग्य से नेताइकांड में 30 लोगों ने गवाही दी। लेकिन 11 माह में अब तक सिर्फ 42 की ही गवाही हो सकी है। अभी भी 42 लोगों की गवाही बाकी है। उन्होंने कहा कि आज नेताई के निवासी सीबीआई पर सवाल उठा रहे हैं। वह राजनीतिक मामलों में बहुत सक्रिय है। लेकिन नेताई के नौ शहीदों के परिवारों को अब तक न्याय नहीं मिला? सीबीआई की अक्षमता के कारण नेताई मामले की सुनवाई में अभी भी देरी हो रही है। शाहिद के परिवार को न्याय नहीं मिल रहा है।

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