अब लॉकअप में बंद कैदियों को मिलेगा मछली-चावल और मौसमी फल

प्रतिदिन 14.5 ग्राम मछली की जाएगी आवंटित : लालबाजार

कोलकाता, सूत्रकार : कोलकाता पुलिस की हवालात में बंद अब कैदी भी मछली-चावल खा सकेंगे, इसके लिए लालबाजार ने इंतजाम किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अगर यह व्यवस्था लालबाजार के सेंट्रल लॉकअप में शुरू हो गयी, तो विभिन्न मामलों में पकड़े गये आरोपियों को करीब एक दशक बाद मछली-चावल मिलेगा। इससे पहले सेंट्रल लॉक अप के कैदियों को सरकारी नियमानुसार मछली दी जाती थी लेकिन मछली का कांटा ही बाधक बना था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मछली का छोटा-सा कांटा भी हथियार बन सकता है। कोई बार देखा गया था कि कैदी मछली का कांटा सुखा कर उसको हथियार के रूप में प्रयोग करते थे। अगर किसी से विवाद होता था तो वे लोग उस कैदी की आंख पर कांटा से प्रहार कर देत थे। इसलिए मछली की जगह अंडे को महत्व दिया गया। जिसे देखते हुए कई पुलिस स्टेशनों ने भी बंद कैदियों को मछली देना बंद कर दिया था।

अब कोलकाता पुलिस ने बंद कैदियों के भोजन के लिए आवंटित धन में वृद्धि की है। इसके बाद लालबाजार प्रबंधन ने कैदियों के मेन्यू में मछली को वापस लाने का फैसला किया है। अब तक, लालबाजार में विभिन्न पुलिस स्टेशनों, एसटीएफ और केंद्रीय लॉकअप में प्रत्येक कैदी के लिए आवंटन 45 रुपये था। अब उसे बढ़कर 73 रुपये 50 पैसे कर दिया गया है। लालबाजार के एक अधिकारी के मुताबिक, इतने कम पैसे में लगातार मछली देना कोई बहुत आसान बात नहीं है। जेल के प्रत्येक कैदियों को सप्ताह में दो बार मछली दी जाती है।

लालबाजार के निर्देश के मुताबिक, कैदियों के दोपहर के भोजन के मेनू में चावल, रोटी, दाल, सब्जियां, मछली शामिल होगा। जो कैदी मछली नहीं खाता है, उसे इसके बदले फल या संतुलित भोजन दिया जाएगा। रात के खाने के लिए वहीं मेनू रहेगा। प्रतिदिन 14.5 ग्राम मछली आवंटित की जाएगी। लालबाजार ने आदेश दिया है कि कैदियों को एक दिन में कुल 29 ग्राम मछली दी जाएगी। वह मछली रोहू, कतला होनी चाहिए।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस आकार की मछली ज्यादा बड़ी नहीं होगी। परिणामस्वरूप, छोटे कांटे से हमला करना आसान नहीं होगा। देखा गया है कि कई लोगों को अंडे से एलर्जी होती है और कई बार अंडा खाने से उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए, पुलिस मछली जैसे प्रोटीन युक्त और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों को महत्व दे रहे हैं। इसके अलावा, कैदियों को नाश्ते में चाय और ब्रेड दी जाएगी। जो कैदी चाय नहीं पीता, उसे मिठाई या दही देने को कहा गया है।

Kolkata police lockupकोलकाता पुलिस की हवालातमछली चावल और मौसमी फललॉकअप में बंद कैदियों